सन् 1562 में निर्मित हुसैन सागर झील की अनुपम छटा लुभावनी है। बोटिंग के लिए यहां सभी सुविधायें उपलब्ध हैं। इसी झील से हैदराबाद दो भागों में बंटा हुआ है- हैदराबाद एवं सिकन्दराबाद।
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हुसैन सागर लेक
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हुसैन सागर लेक
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खूबसूरत राष्ट्रीय धरोहरों में से एक हैहैदराबाद सिटी के मध्य में 24 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुसैन सागर लेक की खूबसूरती ऐसी है कि एक नजर देख कर ही आप मोहित हो जाएं। खासकर शाम के समय इस लेक को देखना ऐसा अनुभव देता है कि आप इसकी तुलना किसी प्राकृतिक लेक से कर बैठें। यही कारण है कि इंसानों द्वारा निर्मित इस लेक को सरकार ने देश की बेहद खूबसूरत राष्ट्रीय धरोहरों में से एक घोषित किया हुआ है।इस लेक का निर्माण सुल्तान इब्राहिम कुतुब शाह ने 1562 में करवाया था। तब इस लेक का निर्माण ढाई लाख रुपए खर्च कर पीने के पानी के स्रोत के रूप में किया गया था, लेकिन अब नेशनल लेक कंजर्वेशन प्लान के तहत संरक्षित यह लेक अब आंध्र प्रदेश की वित्तीय व्यवस्था में अहम भूमिका निभाती है। यहां काफी संख्या में पर्यटक आते हैं। लेक के बीचोबीच स्थित 18 मीटर ऊंची भगवान बुद्ध की प्रतिमा एक तरह से इस लेक की खास पहचान बन चुकी है। यहां पहुंचना भी पर्यटकों के लिए बेहद आसान होता है, क्योंकि हैदराबाद के लिए देश के तमाम बड़े शहरों से विमान सेवा भी है और रेल सेवा भी।