इजराइल में सीखी जल तकनीक

Submitted by Hindi on Wed, 05/23/2012 - 09:57

इजराइल में गंदे पानी को साफ करके सिंचाई हो रहा हैइजराइल में गंदे पानी को साफ करके सिंचाई हो रहा हैमप्र के उन्नतशील किसानों ने इजराइल के तेल अबीब शहर में हाल ही में संपन्न हुए अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में हिस्सा लिया। दरअसल इन किसानों ने इस बात को समझा है कि खेती में पानी और तकनीक का बेहद महत्व है। इजराइल का किसान संपन्न होने के साथ-साथ दुनिया में मॉडल इसलिए बन गया है क्योंकि वहां अशुद्ध पानी को शुद्ध कर उसे खेती के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है। इतना ही नहीं पानी की सुरक्षा और उसके प्रति संरक्षण का अभाव वहां के किसानों में बेहद है। धार जिले के धामनोद क्षेत्र के उन्नत कृषक राम पाटीदार एक ऐसे किसान है जिन्होंने जलसंवर्धन व पर्यावरण के प्रति महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।

उन्होंने बताया कि एग्रिटेक नामक इस आयोजन में इजराइल जाने का मौका मिला। जहां पर हमने इस बात को समझा है कि वहां की सरकार किसानों को सड़क, पानी और बिजली पहुंचा रही है। किसान इसलिए समृद्ध होते जा रहा है। एग्रिटेक के माध्यम से फिल्ड भ्रमण में एक महत्वपूर्ण बात यह सामने आई है कि शहरों के गंदे पानी को उपचारित करके उसे किसानों को उपलब्ध कराया जाता है। खारे पानी वाले इस क्षेत्र में पानी को शुद्ध कर किसानों को मुहैया कराया जाना एक क्रांति है। साथ ही महत्वपूर्ण रूप से बात यह है कि किसान इस उपलब्ध पानी की एक-एक बूंद का सदुपयोग करता है।

 

सामूहिक खेती पर जोर


उन्नत किसानों ने इस बात को महसूस किया है कि वहां पर सामूहिक खेती पर जोर दिया जा रहा है। पानी व पर्यावरण की खातिर 50 से 100 किसान सामूहिक रूप से खेती करते हैं जिसे ‘किबुत्स’ नाम दिया गया है। उन्नत किसानों ने यह माना है कि जब तक किबुत्स जैसी व्यवस्था भारत में नहीं आएगी तब तक किसान संपन्न नहीं हो पाएगा। भारत एक बहुत बड़ा देश है। इस बड़े राष्ट्र के एक जिले से भी छोटा देश इजराइल है। इसके बावजूद दुनिया वहां से शिक्षण व प्रशिक्षण ले रही है। खासकर खेती और पानी बचाने के मामले में।

 

 

 

पौधों को टपक सिंचाई से पानी


उन्नत किसानों के दल ने यह बताया कि हमारे यहां पौधारोपण पर बड़ी रकम खर्च होती है। इसके बावजूद उसका कोई नतीजा नहीं मिल पाता है। तेल अबीब सहित अन्य स्थानों पर यह बात देखने में आई है कि पौधों को टपक सिंचाई के माध्यम से पानी दिया जाता है। परिणामस्वरूप वहां हर जगह हरियाली है। यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। मप्र से अनेक कृषक एग्रिटेक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। वहीं प्रदेश के पूर्व प्रमुख सचिव कृषि डॉ. पुखराज मारू भी शामिल हुए थे।