आदि नतिः
संस्तरण-तलों के ढाल का कोण जो उनके निक्षेपण के दौरान ही बन जाता है न कि बाद के विक्षोभों या वलन के कारण। कुछ भूविज्ञानियों के अनुसार आदि नति, मूल नति (original dip) तथा स्थिरण और विभेदात्मक संहनन के प्रभावों का योग होता है; दूसरे शब्दों में यह सीधे अवसादन के परिणामस्वरूप बनता है न कि बाहरी कारकों के अतिक्रमण से।