हर साल पूरे संसार मे 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य प्रकृति के प्रति लोगों को जागरूकता फैलाना है । 49 साल पहले यानी 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने पहली बार 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया। जिसके बाद हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।
हर साल पर्यावरण दिवस पर एक थीम दी जाती और उस पर पर्यावरण प्रेमी, बुद्धिजीवी लोगों को जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रम चलाते है। इस साल विश्व पर्यावरण दिवस 2021 की थीमEcosystem Restoration यानी पारिस्थितिकी तंत्र बहाली है यानी पृथ्वी को एक बार फिर से अच्छी स्थिति में लाया जाए।
हर साल पर्यावरण दिवस में लोग पौधा रोपण करते है लेकिन इस साल कोरोना काल के चलते अब इसकी महत्वता और बढ़ गई है। क्योंकि इस बार कोरोना संक्रमित लोगों की मौत की एक वजह ऑक्सीजन की कमी भी रही है ऐसे में जरूरी है कि सभी लोग ज्यादा ज्यादा पौधा रोपण करे ताकि उनसे फल फूल छाया के अलावा भरपूर ऑक्सीजन मिल सके।
कोरोना से उभरने और अपने ऑर्गन सिस्टम को ट्रैक में लाने के लिये ऑक्सीजन बेहद जरूरी होता है ऐसे में हम ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिये अधिक से अधिक पेड़ लगाएं और उनका संरक्षण करे।इसके अलावा ऐसे पौधे भी लगाए जिमसे मनुष्य के शरीर को इम्युनिटी मिले ताकि भविष्य में किसी भी तरह की जानलेवा बीमारी आने पर शरीर उनसे लड़कर उन्हें निष्क्रय कर सके ।
ऑक्सीजन की महत्वता को देखते हुए दिल्ली सरकार द्वारा इस बार पूरी राजधानी में 33 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा है। शहर में इतनी संख्या में पेड़ लगाने के ऐलान करते हुए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि
दिल्ली में इस कोरोना काल के दौरान जिस तरह से आक्सीजन का संकट सामने आया, उसके स्थाई समाधान का भी एक ही रास्ता है कि बड़े पैमाने पर दिल्ली में पौधे लगाए जाएं।प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को लेकर सभी जगह चर्चा हो रही है। इस कोरोना संकट के दौरान यही ब्रह्मास्त्र है। जिसकी प्रतिरोधक क्षमता ठीक है, वही इस लड़ाई को लड़ कर जीत रहा हैइसलिये इन्हें भी लगाया जाए।
वही पर्यावरण मंत्री ने प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले तत्व जैसेआंवला, जामुन, अमरूद, अर्जुन, सहजन, बेल, नींबू को बढ़ावा देने पर जोर दिया। पिछले साल दिल्ली प्रतिरोधक क्षमता वाले करीब 6.60 लाख पेड़ पौधे लागये थे जिनमें कढ़ी पत्ता, आंवला, बेहरा, जामुन, अमरूद, अर्जुन सहजन, बेल पत्ता, नींबू, तुलसी, एलोवेरा, गिलोय के पौधे शामिल थे। इसके साथ ही दिल्ली के अंदर सरकारी नर्सरी में इन पौधों को नि:शुल्क दिया जाता है ।
वही कूड़ा करके पर्यावरण को किसी प्रकार गंदा ना करे। रीसाइकिल का प्रयोग करे यह पर्यावरण और सेहत के लिये लिहाज से बेहद अच्छा है।