जल गुणवत्ता अनुमापन परियोजना के लिए चरणबद्ध कार्य योजना

Submitted by admin on Wed, 06/23/2010 - 12:47
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वॉटर एड
1. पी.आर.ए. तकनीक से गाँव का जल संसाधन मानचित्र तैयार करना। इस मानचित्र में निम्न संकलित करें:

• सतही जल स्रोत (नदी, झरना, झील, तालाब, आदि)

• भूजल स्रोत (हैण्ड पम्प, कुआँ आदि)

• सड़क

• निवास स्थल

• पहचान चिन्ह (मन्दिर, स्कूल, पंचायत भवन आदि)

• दिशा चिन्ह

2. पेयजन स्रोतों (सतही और भूजल) को मानचित्र पर चिन्हित करना।

3. सामुदायिक और व्यक्तिगत पेयजल स्रोतों को वर्गीकृत करके मानचित्र पर चिन्हित करना सामुदायिक स्रोत-तीन से अधिक परिवार उपयोग करते हैं व्यक्तिगत-एक या दो उपयोग करते हैं।

4. सभी सामुदायिक स्रोतों का जी.पी.एस. की मदद से अक्षांश (Longitude) देशान्तर (Latitude) प्राप्त करना।

5.सामुदायिक पेयजल स्रोतों को स्वच्छता स्थिति से उत्पन्न खतरा आकलन करना।

6. भौतिक रसायनिक और जीवाणु कारकों की पी.एस.आई. जल गुणवत्ता जांच किट से पेयजल स्रोतों की जांच करना।

7. जल जनित बीमारियों, स्वच्छता और स्वास्थ्यपूरक रीति-रिवाजों पर परिवारों का सर्वेक्षण करना।

8. जल गुणवत्ता जांच, जल जनित बीमारियों, स्वच्छता और स्वास्थ्यपूरक रीति रिवाजों का सर्वेक्षण और जल स्रोतों की स्वच्छता स्थिति से उत्पन्न खतरों के आकलन की रिपोर्ट निर्धारित प्रपत्र में बनाकर पी.एस.आई. और वाटरएड क्षेत्रीय कार्यालय की भेजना।

• जल गुणवत्ता रिपोर्ट

• स्वच्छता स्थिति से उत्पन्न खतरों का आकलन रिपोर्ट

• जन जनित बीमारियों का परिवारवार सर्वेक्षण रिपोर्ट