जलवायु परिवर्तन से लड़ रही 8 साल की भारतीय योद्धा

Submitted by Shivendra on Fri, 12/13/2019 - 10:46
Source
हिंदुस्तान, 13 दिसंबर 2019

स्पेन की राजधानी मैड्रिड में चल रहे काॅप-25 सम्मेलन में मणिपुर आठ वर्षीय लिसीप्रिया कंगुजम और ग्रेटा थनबर्ग।स्पेन की राजधानी मैड्रिड में चल रहे काॅप-25 सम्मेलन में मणिपुर आठ वर्षीय लिसीप्रिया कंगुजम और ग्रेटा थनबर्ग।

जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में सबसे कम उम्र की भारतीय योद्ध ने वैश्विक नेताओं से धरती को बचाने की अपील की है। अपने जुनून के कारण भारतीय ग्रेटा के नाम से मशहूर आठ वर्षीय लिसीप्रिया कंगुजम ने पृथ्वी को बचाने और बच्चों के भव्ष्यि को बचाने के लिए फौरन कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। 

स्पेन की राजधानी मैड्रिड में चल रहे काॅप-25 सम्मेलन में मणिपुर की नन्हीं जलवायु कार्यकर्ता ने दुनिया को अपने संकल्प की झलक पेश की। वह जलवायु परिवर्तन पर 21 देशों में अब तब अपनी बात रख चुकी हैं। उसके पिता केके सिंह ने बताया कि जब कंगुजम को काॅप 25 कार्यक्रम में हिस्सा लेने और उसे संबोधित करने न्योता संयुक्त राष्ट्र से मिला, जो उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वे बपनी स्पेन की यात्रा के लिए पैसा कहां से लाएंगे।

कहा, परिवार ने इसे के लिए कई मंत्रियों को ईमेल कर यात्रा का खर्च उठाने का अनुरोध किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। कंगुजम को एक पोस्टर लिए देखा गया, जिसमें जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक कानून पारित करने की मांग की गई है। उसने कहा, ग्रेटा थनबर्ग ने फरवरी 2019 में मुझे काफी प्रभावित किया।

सिंह ने कहा कि उसकी यात्रा के लिए क्राउडफंडिंग करने की कोशिश के बाद भुवनेश्वर से एक व्यक्ति ने मैड्रिड के लिए टिकट बनवा दिया। कंगुजम ने कहा कि मेरी मां ने सोने की चेन बेच दी। 30 नवंबर को उन्हें स्पेन सरकर से ईमेल आया कि सरकार उनकी यात्रा का खर्च वहन करेगी। 

स्पेन के अखबारों में छाई

कंगुजम स्पेन के अखबारों में तुरंत सुर्खियों में आ गई। यहां के अखबारों ने उसे पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्द्ध की ग्रेटा थनबर्ग बताया।

छह वर्ष की उम्र में कार्यक्रम में शामिल हुई थीं

कंगुजम के पिता ने बताया कि 2018 में कंगुजम जब महज छह साल की थीं, तब उन्हें उलानबटोर में आयोजित आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए तीसरे एशिया मंत्रीस्तरीय सम्मेलन 2018 में शामिल होने का मौका मिला।

काफी संघर्ष किया

  • पिता की मदद से द चाइल्ड मूवमेंट नामक संगठन की शुरुआत।
  • जलवायु परिवर्तन पर 21 देशों में अब तक बात रख चुकी हैं।
  • कंगुजम को फरवरी में अपनी स्कूली पढ़ाई छोड़नी पड़ी।
  • महात्मा गांधी और पूर्व राष्ट्रपति कलाम के विचारों से भी प्रेरित।
  • स्पेनीश अखबार एल पेस ने दक्षिणी गोलार्द्ध की ग्रेटा बताया है।

बदलाव की जरूरत

कंगुजम ने कहा कि मैं यहां दुनिया के नेताओं को यह बताने के लिए आई हूं कि यह समय कार्रवाई करने का है क्योंकि यह वास्तविक जलवायु संकट है। उसके जैसे नन्हें जलवायु कार्यकर्ता व्यवस्था में बदलाव चाहते हैं न कि जलवायु परिवर्तन में।

ये भी पढ़ें  - जलवायु परिवर्तन के बीच सुरक्षित भविष्य के लिए प्रयास कर रही हूं - रिद्धिमा पांडे

TAGS

lysipria kanguzum, greta thunberg,global warming, COP25, COP25 Madrid, reason of global warming, effects of global warming, sharks, tuna fish, climate change and shark, increase sea temperature, climate change, climate change hindi, reason of climate change, effects of climate change, arctic, melting arctic ice, greenland ice melting, climate change in arctic, rising sea level, COP 25, COP 25 madrid.