जलयात्रा कार्यक्रम : अब यह समझना आसान है कि केवल प्राकृतिक ही नहीं, बल्कि मानवकृत गतिविधियों के कारण मौसम व जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा मिल रहा है। इस ओर समय रहते यदि हमारा ध्यान नहीं गया तो परिणाम बहुत विकराल होंगे, जिस पर राज्य व्यवस्था को पुनर्विचार करना होगा। इसे ध्यान में रखते हुये जलयात्रा (11 से 19 सितम्बर) के माध्यम से जनता, जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों के बीच सम्पर्क करके राज्य का ध्यान इस ओर खींचना आवश्यक है।
दूसरे चरण की जलयात्रा 25-30 सितम्बर 09 के बीच होगी।
दिनांक |
कार्यक्रम |
11.09.09 |
मोरी, पुरोला, नौगांव (नौगांव में रात्री विश्राम) |
12.09.09 |
बड़कोट, ब्रहमखाल, उत्तरकाशी (उत्तरकाशी में रात्री विश्राम) |
13.09.09 |
नई टिहरी, बूढ़ाकेदारनाथ (बूढ़ाकेदारनाथ में रात्री विश्राम) |
14.09.09 |
घुत्तू, घनसाली, चिरबटिया (चिरबटिया में रात्री विश्राम) |
15.09.09 |
अगस्त्यमुनि, वसुकेदार (चमोली में रात्री विश्राम) |
16. .09.09 |
चमोली, पिपलकोटी, हेलंग, जोशीमठ (जोशीमठ में रात्री विश्राम) |
17.09.09 |
रूद्रप्रयाग, धारी देवी, श्रीनगर (श्रीनगर में रात्री विश्राम) |
18.09.09 |
लक्षमोली, देवप्रयाग, ऋषिकेश (ऋषिकेश में रात्री विश्राम) |
19.09.09 |
हरिद्वार (11 बजे से पुरी के शंकराचार्य जी के साथ बैठक एवं समापन) |
जलयात्रा 11-19 सितम्बर, 2009 के संयोजक नदी बचाओ आन्दोलन के श्री सुरेश भाई हैं।
उनसे सम्पर्क हेतु ईमेल - hpssmatli@gmail.com का इस्तेमाल करें।