जनक दफ्तरी

Submitted by admin on Mon, 06/14/2010 - 11:11
मुंबई के जनक दफ्तरी। आईटी क्षेत्र में अच्छा खासा बिजनेस था। करीब 30 साल उन्होंने जमकर बिजनेस किया। साल 2002 में उनकी मुलाकात जल पुरूष राजेंद्र सिंह से हुई। पानी के संकट को लेकर जब जनक दफ्तरी जमीनी हकीकत से रूबरू हुए तो उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए कुछ करने की ठानी। वे राजस्थान के भीखमपुरा में 'तरूण भारत संघ' के सेंटर पर गए। वहां का काम देखा। मुंबई लौटे तो बिजनेस बंद करके पानी को बचाने के लिए उतर गए। पहले चार साल तक उन्होंने रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर काम किया। लोगों को वाटर हार्वेस्टिंग सिखाई। पानी की रीसाइक्लिंग के लिए उन्होंने बायोटेक्नोलॉजी का सहारा लिया।

यही नहीं उन्होंने विष्णु प्रयाग से देव प्रयाग तक अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का सर्वे किया और सीएजी को रिपोर्ट बनाकर भेजी। जनक दफ्तरी कहते हैं कि मुंबई में चार नदियां हैं, जिनमें से दो लुप्त हो चुकी हैं। बाकी दोनों नदियां नाले के रूप में मौजूद हैं। इनमें से मीठी नदी के जीर्णोद्धार का बीडा उठाया है जनक दफ्तरी ने। कल तक अकेले चलने वाले जनक के साथ आज पर्यावरण को बचाने वाले लोगों का पूरा काफिला है।

उनसे सम्पर्क आप email :daffy@jalsangrah.org पर कर सकते हैं