जंबेजी

Submitted by Hindi on Thu, 08/11/2011 - 17:09
जंबेजी का अफ्रीका महादेश की नदियों में चौथा स्थान है। यह 2,576 किमी. लंबी है, परंतु अपनी सहायक नदी के साथ 3,450 किमी. लंबी हो जाती है। इसका उद्गम उत्तरी रोडेशिया के कालेन (Kalen) नामक स्थान के पास (11 21 द.अ. 24 22 पू.दे.) है, जो समुद्र से 1,524 मीटर की ऊँचाई पर अंगोला की सीमा के निकट स्थित है। यह मोजांबिक देश के चिंडे नामक स्थान के निकट हिंद महासागर में गिरती है। नदी के बेसिन का क्षेत्रफल लगभग 13,29,956 वर्ग किमी. है, जो विशेषकर अंगोला, उत्तरी रोडेशिया, दक्षिणी रोडेशिया और मोजांबिक देशों में विस्तृत है। इसका प्रवाहक्षेत्र भारत के कुल भूभाग के 43 के बराबर है। अपने आरंभिक मार्ग में नदी पश्चिम की ओर बहती है और लगभग 24 पू.दे. पर अंगोला में प्रवेश करती है। तदनंतर दक्षिण-पश्चिम दिशा में बहकर दक्षिण की ओर बहने लगती है। अंगोला और उत्तरी रोडेशिया की सीमा के निकट चावुमा (Clavuma) स्थान पर इसी नाम के जलप्रपात हैं। इसकी बड़ी सहायक नदियों में सबसे पहले कैबोंपो (Kabompo) है, जो उत्तरी रोडेशिया से निकली है, और इसके बाएँ किनारे पर मिलती है। उसी निकट नांबोमा (Namboma) जलप्रपात है। इससे कुछ ही दूर दाहिने किनारे पर एक और बड़ी सहायक नदी लुंग्वे बंगू (Lungwe bungu) आकर मिलती है। अन्य सहायक नदियों में काफूए (Kafue) उल्लेख्य है, जो उत्तरी रोडेशिय की उत्तरी सीमा के निकट निकलती है।

नदी पर सबसे महत्वपूर्ण विक्टोरिया जलप्रपात है, जो दक्षिणी रोडेशिया में लिविंग्स्टन नगर से केवल 12 किमी. दक्षिण में स्थित है। प्रपात की अधिकतम चौड़ाई 1,725 मीटर है। इसके रेनबो प्रपात (Rainbow fall) की सुषमा दर्शनीय है। प्रपात की कुल ऊँचाई 106 मीटर है। जंबेजी की करीबा घाटी में काफूए नदी के संगम से 48 किमी. ऊपर एक जल-विद्युत्‌-योजना कार्यान्वित की गई जिसका प्रथम चरण 1960 ई. में पूर्ण हो गया था।

नदी में कई स्थानों पर झरने तथा जलप्रपात होने के कारण नौकावहन में बाधा पड़ती है। मोजांबिक में स्थित कैब्राबासा के प्रपात के नीचे नदी मुहाने तक लगभग 644 किमी. नौपरिवहनीय है। (आनंद सिंह जौहरी)

Hindi Title

जंबेजी


विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia)




अन्य स्रोतों से




संदर्भ
1 -

2 -

बाहरी कड़ियाँ
1 -
2 -
3 -