जोत न मानै अरसी चना

Submitted by Hindi on Mon, 03/22/2010 - 15:38
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घाघ और भड्डरी
br>जोत न मानै अरसी चना।
कहा न मानै हरामी जना।।


भावार्थ- अलसी और चना अधिक जुताई को अच्छा नहीं मानते, ठीक उसी प्रकार जैसे दुष्ट जन कथन या सीख को अच्छा नहीं मानते।