जयराम रमेश

Submitted by RuralWater on Sun, 04/08/2018 - 12:08


जयराम रमेशजयराम रमेशजयराम रमेश, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय का प्रभार सम्भालने के पूर्व भी पर्यावरण से जुड़े मुद्दों में रुचि रखते थे। मंत्री बनने के बाद उनमें पर्यावरण से सम्बन्धित मुद्दों के प्रति सजगता में उत्तरोत्तर इजाफा होता रहा, यही वजह है कि वे पर्यावरणीय मसलों से सम्बन्धित विश्व की कई नामी-गिरामी संस्थाओं से जुड़े रहे।

वे ‘फ्यूचर अर्थ इंगेजमेंट कमेटी’ (जोकि एक वैश्विक अनुसन्धान की संस्था है) के हेड रहे। इतना ही नहीं वे ‘अन्तरराष्ट्रीय सलाहकार परिषद’ जो ओसाका स्थित अन्तरराष्ट्रीय पर्यावरणीय तकनीक का केन्द्र है, के मेंबर भी रहे। यह संस्था संयुक्त राष्ट्र संघ से सम्बद्ध है।

जयराम रमेश का राजनीतिक सफर वर्ष 2004 में शुरू हुआ जब वे आन्ध्र प्रदेश से राज्य सभा के लिए चुने गए। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के साथ वे वाणिज्य एवं ऊर्जा विभाग व ग्रामीण विकास एवं पेयजल और स्वच्छता विभाग के मंत्री के पद पर भी रहे। वे केवल ग्रामीण विकास एवं पेयजल और स्वच्छता विभाग में कैबिनेट मंत्री रहे जबकि अन्य दो विभागों में उन्होंने राज्य मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दीं। इसके अलावा वे भारत तथा विदेश के कई विश्वविद्यालयों में विजिटिंग फैकल्टी रहे। वे एक जानेमाने स्तम्भकार और लेखक भी हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्रसंघ में ‘सेक्रेटरी जनरल हाई लेवल पैनल’ के पद पर भी काम किया है।