जयशंकर प्रसाद

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(30 जनवरी, 1890-1937)


शिक्षा :


आठवीं तक औपचारिक। तदंतर घर पर स्वाध्याय।
छायावाद के प्रमुख कवि, नाटककार, कथाकार व निबंधकार।

प्रमुख कृतियां :


‘कामायनी’, ‘लहर’, ‘झरना’, ‘कानन कुसुम’, ‘आंसू’, ‘प्रेम पथिक’, ‘महाराणा का महत्व’ (सभी काव्य); ‘कंकाल’, ‘तितली’ एंव ‘इरावती’ (उपन्यास); ‘आकाश दीप’, ‘प्रतिध्वनि’, ‘आंधी’, ‘इंद्रजाल’ (कहानी-संग्रह); ‘चंद्रगुप्त’, ‘स्कंदगुप्त’, ‘अजातशत्रु’, ‘ध्रुवस्वामिनी’, ‘कामना’ व ‘जनमेजय का नागयज्ञ’ (नाटक) आदि। ‘प्रसाद रचना संचयन’, संपादक : विष्णु प्रभाकर, रमेशचंद्र, साहित्य अकादमी, नई दिल्ली में महत्वपूर्ण रचनाएं संकलित।

वृत्ति:


तंबाकू के पैतृक व्यवसाय के साथ-साथ साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्थाओं एवं ‘इंद्र’ तथा ‘हंस’ के प्रकाशन से जुड़े रहकर मूलतः स्वतंत्र लेखन।