झील के पानी के संदूषण की पूरी तरह से जांच करने के बाद ही आरओ सिस्टम इस्तेमाल किए जाने चाहिए और जांच में पाई गई समस्या के अनुसार

Submitted by admin on Mon, 06/29/2009 - 13:22
नाम
रामाकृष्णा नल्लाथिगा
ईमेल
se-wes@solutionexchange-un.net.in
Tel/ Mo No
xxx
झील के पानी के संदूषण की पूरी तरह से जांच करने के बाद ही आरओ सिस्टम इस्तेमाल किए जाने चाहिए और जांच में पाई गई समस्या के अनुसार ही उसके सुधार के लिए उपाय करने चाहिए। पानी में सेलिनिटी और अन्य घुलित खनिजों को खत्म करने में आरओ की महत्वपूर्ण भूमिका है लेकिन बैक्टीरिया या अन्य प्रकार के संदूषण का उपचार काफी महंगा हो सकता है। इसलिए जांच की रिपोर्ट के आधार पर आरओ पर निर्भरता से पहले एक प्राथमिक ट्रीटमेंट कर लेना उपयुक्त होगा।
बिर्राजु फाउंडेशन के द्वारा भी आंध्रप्रदेश के पूर्वी गोदावरी और कृष्णा के किनारे के कुछ जिलों में, सेलाइन और विभिन्न तत्वों से मिश्रित पानी को साफ करके स्थानीय समुदाय को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के लिए एक मॉडल अपनाया गया है जिसकी जानकारी http://www.solutionexchange-un.net.in/environment/cr/res25060901.doc (DOC; Size: 236KB) पर प्राप्त की जा सकती है। प्रोजेक्ट में न केवल तकनीकी पहलू दिया गया है बल्कि उसके वित्तीय और स्थायित्व के पक्ष पर भी ध्यान दिया गया है।

रामाकृष्णा नल्लाथिगा
सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस
हैदराबाद