झील/ LAKE

Submitted by Hindi on Thu, 12/17/2009 - 15:48
भू-सतह पर किसी गहरे स्थान में भूमि से चारों ओर से घिरे हुए जल का व्यापक निकाय, जिसका उदगम मुख्यत:हिमनद अपरदन के कारण होता है।

An extensive sheet of water, bounded by land, in a hollow of the earth surface. It is an inland body of water which is formed more due to glacial erosion than due to any other agency.

स्थलीय भाग में स्थित विस्तृत गर्त जिसमें जल भरा रहता है। आकार, विस्तार, गहराई, स्थिति, उत्पत्ति,जल की प्रकृति आदि के अनुसार झीलों में पर्याप्त भिन्नताएं मिलती हैं। तिब्बत के पठार पर स्थित टिसोसिकरू तथा हिमालय पर्वत की देवताल, मानसरोवर और राकसताल हजारों मीटर की ऊँचाई पर स्थित हैं जबकि पश्चिम एशिया में मृत सागर (झील) सागर तल से 434 मीटर नीचा है। कुछ झीलें उथली होती हैं जबकि कुछ झीलें अधिक गहरी भी होती हैं। साइबेरिया की बैकाल झील 1600 मीटर से भी अधिक गहरी है। कैस्पियन सागर विस्तृत झील है जिसका क्षेत्रफल 4.30 लाख वर्ग किमी. है। हिमानीकृत टार्न झीलें अत्यंत छोटी होती हैं जिनका विस्तार कुछ मीटर तक ही सीमित होता है। महाद्वीपों के अंतरिक भागों में अनेक बृहदाकार झीलें पायी जाती हैं जैसे एशिया में कैस्पियन सागर, अरल सागर, बैकाल झील तथा बालकस झील; उत्तरी अमेरिका में महान झीलें (मिशिगन, ह्यूरन एवं सुपीरियर) तथा ईरी झील; अफ्रीका में विक्टोरिया झील आदि।

जिन झीलों से नदियां निकलती हैं उनका जल मीठा (अलवण) होता है जैसेस बैकाल झील, मानसरोवर झील और टिटिकाका झील। प्रायः आंतरिक अपवाह क्षेत्रों में झील से जल का निकास बाहर की ओर नहीं होता है और झील का जल खारा हो जाता है। ऐसी झीलों में नदियां में नदियां जल लाती हैं किन्तु उनका निकास नहीं होता है, अतः वाष्पीकरण के कारण इन झीलों में लवणता की मात्रा बढ़ती जाती है। इन झीलों में जल के सूखने पर तली पर नमक की परतें जम जाती हैं। अतः इन्हें नमक की झील या लवण झील (salt lake) कहा जाता है। अमेरिका की ग्रेट साल्ट लेक,एशिया का मृतसागर, यूरेशिया का कैस्पियन सागर, भारत की सांभर झील लवण झील या खारी झील के उदाहरण हैं। कुछ झीलें अस्थायी प्रकृति की होती हैं जो शुष्क ऋतु में सूख जाती हैं जबकि अनेक झीलों के जल तल में मौसम के अनुसार उतार-चढ़ाव होता रहता है।