कैनाडा---उत्तरी अमरीका महाद्वीप का एक देश है। जो संयुक्त राज्य अमरीका से सटा उत्तर में है (स्थिति 41डिग्री 71 से 50 डिग्री उ. अ. तथा 57 50 से. डिग्री 117 प. दे.) इसका क्षेत्र फल 38,45,141 वर्गमील है। इस देश का विस्तार उत्तर में उत्तरी ध्रुव तक है। पश्चिम और पूर्व में क्रमश: प्रशांत और अंध महासागर हैं।
1000 ई. के लगभग इसे नॉर्स जाति के लोगों ने खोज निकाला था। पूर्वी तट पर उनके छोटे-छोटे उपनिवेश बस गए। 15वीं शताब्दी में यूरोपीय मछुए इस प्रदेश के तट तक मछली मारने आया करते थे। इस देश के विस्तृत भूभाग का परिचय एशिया पहुँचने के लिये उत्तरपश्चिमी मार्ग की खोज के समय मिला। 16वीं शतब्दी में सेंट लारेंस नदी कीघदी की खोज कार्टियर नामक व्यक्ति ने की। तदनंतर यूरोपीय दोशों के निवासी यहाँ बसने लगे। इनमें अधिकांश फ्रांस के थे । 1760 ई. में यह देश ग्रेट ब्रिटेन के हाथ में आया। 1791ई. में अपर कैनाडा जो मुख्यत: अंग्रेजों का उपनिवेश था, फ्रांसीसियों के प्रदेश, लोअर केनाडा से पृथक् कर दिया गया और बाद में ये दो स्वतंत्र प्रांत बने। 1812 ई. के युद्ध के पश्चात् फ्रांसीसी तथा अंग्रेजी दोनों देश ब्रिटेन के अंतर्गत आ गए, तथापि दोनों के बीच प्रतिस्पर्धा और मनमुटाव बना ही रहा। 1867 ई. में डोमीनियन ऑव कैनाडा की स्थापना हुई। इसके अंतर्गत ऑण्टेरियो, क्विवेक, ब्रिटिश कोलंबिया, तोवा स्कोशा, ब्रंजविक, प्रिंस एडवर्ड द्वीप तथा मैनिटोवा के प्रांत थे। धीरे-धीरे पूर्वी तट से देश के अंदर की ओर जनविस्तार होता गया ओर नवीन प्रदेशों में कृषि प्रारंभ हुई। इस समय कैनाडा में संमिलित प्रांत और प्रदेश (टेरिटरीज़) उनके क्षेत्रफल ओर जनसंख्या इस प्रकार है।
प्रांत और टेरिटरीज क्षेत्रफल जनसंख्या केंद्रवर्गमील 1966 1966
ऐलबर्टा 2,48,800 14,63,203 एडमॉण्टन
ब्रिटिश कोलंबिया 3,59,279 18,73,674 विक्टोरिया
मैनिटोबा 2,11,775 9,63,066 विनिपेग
न्यू ब्रंजविक 27,835 6,16,788 फ्रेडरिकटन
न्यूफाउंडलैंड 1,43,045 4,93,396 सेंट जांस
नॉर्थवेर्स्टन टेरिटरी 12,53,438 28,738 ओटावा
नोवा स्कोशा 20,402 7,56,039 हैलिफैक्स
ऑण्टेरियो 3,44,092 69,60,870 टोरोंटो
प्रिंस एडवर्ड द्वीप 2,184 1,08,535 शॉरलट टाउन
क्विबेक 5,23,860 57,80,845 क्विबेक
सैस्कैचेवॉन 2,20,182 9,55,344 रेजिना
यूकन टेरिटरी 2,05,346 14,352 डॉसन
प्राकृतिक रचना-कैनाडा की भौगर्भिक संरचना सरल है। संपूर्ण पूर्वी भाग प्राचीनतम् चट्टानों का बना है, जिसे कैनेडियन शील्ड कहते हैं। पश्चिम में अलास्का से संयुक्त राज्य अमरीका तक रॉकी पर्वतमाला की श्रेणियाँ फैली हैं। मध्य के मैदानी भाग में अनेक झीलें हैं ; इनमें ग्रेट लेक्स नाम से विख्यात सुपीरियर, मिशिगन, ह्रन ईरी तथा ऑण्टेरियों प्रमुख हैं। अंतिम हिमयुग में यह प्रदेश में हिमक्षरण तथा निक्षेपण के स्पष्ट चिन्ह दृष्टिगत होते हैं। कैनाडा के मध्य का प्रेयरीज नामक विस्तृत मैदान ओर असंख्य झीलें हिम के कार्य के स्पष्टप्रमाण हैं। कैनाडा के उत्तर में हडसन की खाड़ी है जिसमें संपूर्ण मध्य भाग की नदियाँ पूर्व, पश्चिम तथा दक्षिण से आकर गिरती हैं। इनमें ऐथाबैस्का, चर्चिल, नेलसन, सैस्कैचेवान उल्लेखनीय हैं। हडसन की खाड़ी ओर आर्कटिकसागर के बीच, ग्रीनलैंड से पश्चिम की ओर एक बड़ा द्वीपसमूह अलास्का तक फैला है। बैफिन, डेवेन, विक्टोया, बैंक तथा मालविल इसके प्रमुख द्वीप हैं। हड़सन की खाड़ी के दक्षिण में महान झीलें (ग्रेट लेक्स) तथा सेंटलारेंस नदी की जो अंध महासागर में गिरती है, घाटी है। इन दानों के मध्य क्विबेक का प्रायद्वीप है। पश्चिम में रॉकी पर्वत की श्रेणियाँ प्रशांत महासागर तक फैली हैं, जिन्हें केवल दुर्गम मार्गो द्वारा ही पार किया जा सकता है। कोलंबिया, फ्रेजर तथा स्कीना नदियाँ इन पर्वतमाओं को काटती हुई अंतत: प्रशांत महासागर में गिरती हैं।
जलवायु-कैनाडा का अधिकांश भाग शीत और समशीतोष्ण कटिबंधों के अंतर्गत आता है, अत: अल्पकालीन ग्रीष्म, दीर्घकालीन शीत ऋतु तथा ध्रुवीय शीत वायु का आधिक्य है। शीत काल में संपूर्ण कैनाडा अधिक वायुभार (औसत 30.2) का क्षेत्र रहता है जब कि उत्तरपूर्व में आइसलैंड और पश्चिम की ओर अल्यूशैन निम्न वायुभार के क्षेत्र बने रहते हैं। इस ऋतु में कैनाडा का ताप बहुत कम हो जाता है और प्राय: संपूर्ण देश में 23 डिग्री फा. से नीचे ऊतर जाता है। उत्तरी भाग का ताप तो 30 डिग्री फा. से भी कम हो जाता है। ग्रीष्म काल में दशा विपरीत हाती है। अधिक वायुभार के केंद्र दोनों ओर महासागरों पर स्थित होते हैं और संपूर्ण कैनाडा में वायुभार के केंद्र दोनों ओर महासागरों पर स्थित होते हैं ओर संपूर्ण कैनाडा में वायुभार निम्न (29.8डिग्री के लगभग) हो जाता है। इन दिनों उत्तरी तटीय भागों में भी ताप 40 फा. से अधिक और दक्षिणी भागों में 68डिग्री फा. तक पहुँच जाता है। अधिकांश भाग का औसत ताप 60डिग्री फा. के लगभग रहता है। कैनाडा में वर्षा का वार्षिक औसत विभिन्न भागों में पर्याप्त न्यूनाधिक्य प्रकट करता है । समान्य रूप से उत्तर की ओर वर्षा का परिमाण घटता जाता है। पूर्वी तटीय क्षेत्र (60 औसत) से क्रमश: घटता हुआ रॉकी पर्वत के उत्तरपूर्व में यह परिमाण 10डिग्री से भी कम हो जाता है। 20 डिग्री वर्षा की रेखा प्राय: मध्य से उत्तर दक्षिण जाती है। रॉकी पर्वत के पश्चिम में ब्रिटिश कोलंबिया के क्षेत्र में कई स्थानों में 100 डिग्री से अधिक वर्षा होती है।
प्राकृतिक वनस्पति-कैनाडा का 35% प्रदेश बनों से आच्छादित है जिनमें नुकीले पत्तेवाले वृक्ष प्रमुख हैं। इन वनों का विस्तृत क्षेत्र न्यू-फाउंडलैंड से प्रशांत महासागर के तट तक फैला है। ये वन देश की बहुमुल्य प्राकृतिक संपत्ति हैं और इन पर ही देश का अधिकांश व्यवसाय आधारित है। इनके महत्वपूर्ण वृक्ष कृष्णसरल, बालसम, तालीशपत्र, श्वेत सरल (white ping), कुट्टिमदारू (मैपिल), बलूत (ओक), चेस्टर और पीत वनपिप्पल (येलो पोपलर) आदि हैं। वर्षा की कमी के कारण मध्य के मैदान में वनों का आभाव है। वहाँ घास के विस्तृत मैदान (प्रेयरीज़) हैं।
जीविका के साधन-कैनाडा के 38 % (17,40,00,000 एकड़) भाग में कृषि की जाती है। 20वीं शताब्दी के आरंभ में यहाँ बृहत परिमाण में गेहूँ की कृषि आरंभ हुई। उपजाऊ मिट्टी और पर्याप्त वर्षा इस के विकास के लिये सहायक हुई और कृषि के इस विकास के फलस्वरूप एक अंतर्महाद्विपीय रेलमार्ग (कैनेडियन पैसिफिक रेलवे) का जन्म हुआ, जो पूर्वी तट को पश्चिम से जोड़ता है। गेहूँ के अतिरिक्त जई (oat), जौ, नीवारिका (rye) फ्लैस्क और चुकंदर आदि अन्य प्रमुख उपज हैं। पशुपालन भी यहाँ के कृषि का एक अंग है और पशुओं के लिये घास की कृषि की जाती है।
मछली पकड़ना यहाँ का प्रमुख व्यवसाय है। यहाँ आधुनिकतम ढंग से प्रशांत तथा अंध महासागर ओर देश के अंदर की झीलों और नदियों से विविध प्रकार की मछलियाँ पकड़ी जाती हैं। इनमें कॉड हैडक, पोलक, रेड फिश, हेलीबट सैलमन, हेरिंग तथा लॉब्स्टर प्रमुख हैं। प्रति वर्ष लगभग 2,00,00,00,000 पाउंड मछली पकड़ी जाती है
खनिज संपत्ति और उत्पादन-खनिज पदार्थो का उत्पादन तथा औद्योगिक विस्तार अभी पिछले कुछ वर्षों से ही आरंभ हुआ है। यहाँ के खनिज धातुओं में ताँबा, निकल, जस्तर, सीसा और लोहा उत्पादन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। निकल मुख्यत: सडबरी से, तॉबा सडबरी, पिक्न, फ्लान तथा नारांडा की खानों से, जस्ता और सीसा ब्रिटिश कोलंबिया की और ऑण्टेरियों की खानों से तथा लोहा क्विवेक और लैब्राडॉर प्रदेशों से निकाला जाता है। ऑण्टेरियों प्रांत में कैनाडा की यूरेनियम तथा सोने की खानें हैं। उक्त खनिजों के अतिरिक्त ऐस्वेस्ट्स गंधक और पोटाश अन्य खनिज हैं जिनका उत्पादन यहाँ होता है।
शक्ति के साधन-शक्ति के साधनों की दृष्टि से कैनाडा जलविद्युच्छक्ति से संपन्न है। इसका उपयोग यातायात, उद्योगों, घरों और खानों में होता है। नावा स्कोशा तथा ऐलबर्टा की खानों से कोयला निकाला जाता है। मिट्टी के तेल के प्रमुख क्षेत्र ईरी तथा सेंट क्लेयर झीलों के मध्य में स्थित हैं।
उद्योग-कागज, लुग्दी तथा लकड़ी के सामान बनाना कैनाडा के प्रमुख उद्योग हैं। इनके अतिरिक्त धातुएँ साफ करना तथा मशीनों, वायुयान, रेनें तथा मोटर का निर्माण अन्य महत्वपूर्ण उद्योग हैं।
नगर- ओटावा, मॉण्ट्रियल, टारॉण्टो, बैंकूबर, विनिपूग, हैमिल्टन, बेक तथा हैलिफैक्स इसके प्रमुख नगर हैं। ओटावा कैनाडा की राजधानी है ; जो ऑण्टेरियों में ओटावा नदी के दाहिने तट पर तथा रिड्यू नहर पर स्थित है। यह एक सुनियोजित नगर है। धातुओं, लकड़ी के सामान, कागज तथा सीमेंट के निर्माण का प्रमुख औद्योगिक केंद्र है। मॉण्ट्रियल सेंट लारेंस नदी पर अंध महासागर से 1,000 मील दूर स्थित नगर तथा बंदरगाह है। यहाँ से लकड़ी, अनाज आटा, पशु, मक्खन, पनीर (चीज) समूर, कपड़ा तथा मशीनें आदि निर्यात होती हैं। क्विवेक सेंट लारेंस नदी के तट पर ऊँचे स्थान पर स्थित प्राचीन नगर है। नगर चारों ओर से दीवारों से घिरा है। नगर में चमड़े और लकड़ी के सामान के कई कारखाने हैं। यहाँ से मुख्यत: पशुओं, लकड़ी तथा अनाज का निर्यात होता है। कैनाडा के मध्य में, विनिपेग झील के 45 मील दक्षिण स्थित विनिपेग नगर है जो मध्य कैनाडा के कृषि प्रदेश का व्यावसायिक केंद्र है। अनाज, लकड़ी तथा पशुओं से प्राप्त वस्तुओं का यह महत्वपूर्ण बाजार है। ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में वैंकूवर प्रशांत महासागर का बंदरगाह और अंतर्महाद्वीपीय रेल की लाइन का अंतिम स्टेशन है। यहाँ लुग्दी, कागज, कपड़ा, मशीनें और चीनी बनाने के कई कारखानें हैं। यह जलपोत के निर्माण, सेैमन मछलियों को डिब्बे में बंद करने और लकड़ी के व्यवसाय का महत्वपूर्ण केंद्र है। (प्रमिला वर्मा.; परमेश्वरीलाल गुप्त)
1000 ई. के लगभग इसे नॉर्स जाति के लोगों ने खोज निकाला था। पूर्वी तट पर उनके छोटे-छोटे उपनिवेश बस गए। 15वीं शताब्दी में यूरोपीय मछुए इस प्रदेश के तट तक मछली मारने आया करते थे। इस देश के विस्तृत भूभाग का परिचय एशिया पहुँचने के लिये उत्तरपश्चिमी मार्ग की खोज के समय मिला। 16वीं शतब्दी में सेंट लारेंस नदी कीघदी की खोज कार्टियर नामक व्यक्ति ने की। तदनंतर यूरोपीय दोशों के निवासी यहाँ बसने लगे। इनमें अधिकांश फ्रांस के थे । 1760 ई. में यह देश ग्रेट ब्रिटेन के हाथ में आया। 1791ई. में अपर कैनाडा जो मुख्यत: अंग्रेजों का उपनिवेश था, फ्रांसीसियों के प्रदेश, लोअर केनाडा से पृथक् कर दिया गया और बाद में ये दो स्वतंत्र प्रांत बने। 1812 ई. के युद्ध के पश्चात् फ्रांसीसी तथा अंग्रेजी दोनों देश ब्रिटेन के अंतर्गत आ गए, तथापि दोनों के बीच प्रतिस्पर्धा और मनमुटाव बना ही रहा। 1867 ई. में डोमीनियन ऑव कैनाडा की स्थापना हुई। इसके अंतर्गत ऑण्टेरियो, क्विवेक, ब्रिटिश कोलंबिया, तोवा स्कोशा, ब्रंजविक, प्रिंस एडवर्ड द्वीप तथा मैनिटोवा के प्रांत थे। धीरे-धीरे पूर्वी तट से देश के अंदर की ओर जनविस्तार होता गया ओर नवीन प्रदेशों में कृषि प्रारंभ हुई। इस समय कैनाडा में संमिलित प्रांत और प्रदेश (टेरिटरीज़) उनके क्षेत्रफल ओर जनसंख्या इस प्रकार है।
प्रांत और टेरिटरीज क्षेत्रफल जनसंख्या केंद्रवर्गमील 1966 1966
ऐलबर्टा 2,48,800 14,63,203 एडमॉण्टन
ब्रिटिश कोलंबिया 3,59,279 18,73,674 विक्टोरिया
मैनिटोबा 2,11,775 9,63,066 विनिपेग
न्यू ब्रंजविक 27,835 6,16,788 फ्रेडरिकटन
न्यूफाउंडलैंड 1,43,045 4,93,396 सेंट जांस
नॉर्थवेर्स्टन टेरिटरी 12,53,438 28,738 ओटावा
नोवा स्कोशा 20,402 7,56,039 हैलिफैक्स
ऑण्टेरियो 3,44,092 69,60,870 टोरोंटो
प्रिंस एडवर्ड द्वीप 2,184 1,08,535 शॉरलट टाउन
क्विबेक 5,23,860 57,80,845 क्विबेक
सैस्कैचेवॉन 2,20,182 9,55,344 रेजिना
यूकन टेरिटरी 2,05,346 14,352 डॉसन
प्राकृतिक रचना-कैनाडा की भौगर्भिक संरचना सरल है। संपूर्ण पूर्वी भाग प्राचीनतम् चट्टानों का बना है, जिसे कैनेडियन शील्ड कहते हैं। पश्चिम में अलास्का से संयुक्त राज्य अमरीका तक रॉकी पर्वतमाला की श्रेणियाँ फैली हैं। मध्य के मैदानी भाग में अनेक झीलें हैं ; इनमें ग्रेट लेक्स नाम से विख्यात सुपीरियर, मिशिगन, ह्रन ईरी तथा ऑण्टेरियों प्रमुख हैं। अंतिम हिमयुग में यह प्रदेश में हिमक्षरण तथा निक्षेपण के स्पष्ट चिन्ह दृष्टिगत होते हैं। कैनाडा के मध्य का प्रेयरीज नामक विस्तृत मैदान ओर असंख्य झीलें हिम के कार्य के स्पष्टप्रमाण हैं। कैनाडा के उत्तर में हडसन की खाड़ी है जिसमें संपूर्ण मध्य भाग की नदियाँ पूर्व, पश्चिम तथा दक्षिण से आकर गिरती हैं। इनमें ऐथाबैस्का, चर्चिल, नेलसन, सैस्कैचेवान उल्लेखनीय हैं। हडसन की खाड़ी ओर आर्कटिकसागर के बीच, ग्रीनलैंड से पश्चिम की ओर एक बड़ा द्वीपसमूह अलास्का तक फैला है। बैफिन, डेवेन, विक्टोया, बैंक तथा मालविल इसके प्रमुख द्वीप हैं। हड़सन की खाड़ी के दक्षिण में महान झीलें (ग्रेट लेक्स) तथा सेंटलारेंस नदी की जो अंध महासागर में गिरती है, घाटी है। इन दानों के मध्य क्विबेक का प्रायद्वीप है। पश्चिम में रॉकी पर्वत की श्रेणियाँ प्रशांत महासागर तक फैली हैं, जिन्हें केवल दुर्गम मार्गो द्वारा ही पार किया जा सकता है। कोलंबिया, फ्रेजर तथा स्कीना नदियाँ इन पर्वतमाओं को काटती हुई अंतत: प्रशांत महासागर में गिरती हैं।
जलवायु-कैनाडा का अधिकांश भाग शीत और समशीतोष्ण कटिबंधों के अंतर्गत आता है, अत: अल्पकालीन ग्रीष्म, दीर्घकालीन शीत ऋतु तथा ध्रुवीय शीत वायु का आधिक्य है। शीत काल में संपूर्ण कैनाडा अधिक वायुभार (औसत 30.2) का क्षेत्र रहता है जब कि उत्तरपूर्व में आइसलैंड और पश्चिम की ओर अल्यूशैन निम्न वायुभार के क्षेत्र बने रहते हैं। इस ऋतु में कैनाडा का ताप बहुत कम हो जाता है और प्राय: संपूर्ण देश में 23 डिग्री फा. से नीचे ऊतर जाता है। उत्तरी भाग का ताप तो 30 डिग्री फा. से भी कम हो जाता है। ग्रीष्म काल में दशा विपरीत हाती है। अधिक वायुभार के केंद्र दोनों ओर महासागरों पर स्थित होते हैं और संपूर्ण कैनाडा में वायुभार के केंद्र दोनों ओर महासागरों पर स्थित होते हैं ओर संपूर्ण कैनाडा में वायुभार निम्न (29.8डिग्री के लगभग) हो जाता है। इन दिनों उत्तरी तटीय भागों में भी ताप 40 फा. से अधिक और दक्षिणी भागों में 68डिग्री फा. तक पहुँच जाता है। अधिकांश भाग का औसत ताप 60डिग्री फा. के लगभग रहता है। कैनाडा में वर्षा का वार्षिक औसत विभिन्न भागों में पर्याप्त न्यूनाधिक्य प्रकट करता है । समान्य रूप से उत्तर की ओर वर्षा का परिमाण घटता जाता है। पूर्वी तटीय क्षेत्र (60 औसत) से क्रमश: घटता हुआ रॉकी पर्वत के उत्तरपूर्व में यह परिमाण 10डिग्री से भी कम हो जाता है। 20 डिग्री वर्षा की रेखा प्राय: मध्य से उत्तर दक्षिण जाती है। रॉकी पर्वत के पश्चिम में ब्रिटिश कोलंबिया के क्षेत्र में कई स्थानों में 100 डिग्री से अधिक वर्षा होती है।
प्राकृतिक वनस्पति-कैनाडा का 35% प्रदेश बनों से आच्छादित है जिनमें नुकीले पत्तेवाले वृक्ष प्रमुख हैं। इन वनों का विस्तृत क्षेत्र न्यू-फाउंडलैंड से प्रशांत महासागर के तट तक फैला है। ये वन देश की बहुमुल्य प्राकृतिक संपत्ति हैं और इन पर ही देश का अधिकांश व्यवसाय आधारित है। इनके महत्वपूर्ण वृक्ष कृष्णसरल, बालसम, तालीशपत्र, श्वेत सरल (white ping), कुट्टिमदारू (मैपिल), बलूत (ओक), चेस्टर और पीत वनपिप्पल (येलो पोपलर) आदि हैं। वर्षा की कमी के कारण मध्य के मैदान में वनों का आभाव है। वहाँ घास के विस्तृत मैदान (प्रेयरीज़) हैं।
जीविका के साधन-कैनाडा के 38 % (17,40,00,000 एकड़) भाग में कृषि की जाती है। 20वीं शताब्दी के आरंभ में यहाँ बृहत परिमाण में गेहूँ की कृषि आरंभ हुई। उपजाऊ मिट्टी और पर्याप्त वर्षा इस के विकास के लिये सहायक हुई और कृषि के इस विकास के फलस्वरूप एक अंतर्महाद्विपीय रेलमार्ग (कैनेडियन पैसिफिक रेलवे) का जन्म हुआ, जो पूर्वी तट को पश्चिम से जोड़ता है। गेहूँ के अतिरिक्त जई (oat), जौ, नीवारिका (rye) फ्लैस्क और चुकंदर आदि अन्य प्रमुख उपज हैं। पशुपालन भी यहाँ के कृषि का एक अंग है और पशुओं के लिये घास की कृषि की जाती है।
मछली पकड़ना यहाँ का प्रमुख व्यवसाय है। यहाँ आधुनिकतम ढंग से प्रशांत तथा अंध महासागर ओर देश के अंदर की झीलों और नदियों से विविध प्रकार की मछलियाँ पकड़ी जाती हैं। इनमें कॉड हैडक, पोलक, रेड फिश, हेलीबट सैलमन, हेरिंग तथा लॉब्स्टर प्रमुख हैं। प्रति वर्ष लगभग 2,00,00,00,000 पाउंड मछली पकड़ी जाती है
खनिज संपत्ति और उत्पादन-खनिज पदार्थो का उत्पादन तथा औद्योगिक विस्तार अभी पिछले कुछ वर्षों से ही आरंभ हुआ है। यहाँ के खनिज धातुओं में ताँबा, निकल, जस्तर, सीसा और लोहा उत्पादन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। निकल मुख्यत: सडबरी से, तॉबा सडबरी, पिक्न, फ्लान तथा नारांडा की खानों से, जस्ता और सीसा ब्रिटिश कोलंबिया की और ऑण्टेरियों की खानों से तथा लोहा क्विवेक और लैब्राडॉर प्रदेशों से निकाला जाता है। ऑण्टेरियों प्रांत में कैनाडा की यूरेनियम तथा सोने की खानें हैं। उक्त खनिजों के अतिरिक्त ऐस्वेस्ट्स गंधक और पोटाश अन्य खनिज हैं जिनका उत्पादन यहाँ होता है।
शक्ति के साधन-शक्ति के साधनों की दृष्टि से कैनाडा जलविद्युच्छक्ति से संपन्न है। इसका उपयोग यातायात, उद्योगों, घरों और खानों में होता है। नावा स्कोशा तथा ऐलबर्टा की खानों से कोयला निकाला जाता है। मिट्टी के तेल के प्रमुख क्षेत्र ईरी तथा सेंट क्लेयर झीलों के मध्य में स्थित हैं।
उद्योग-कागज, लुग्दी तथा लकड़ी के सामान बनाना कैनाडा के प्रमुख उद्योग हैं। इनके अतिरिक्त धातुएँ साफ करना तथा मशीनों, वायुयान, रेनें तथा मोटर का निर्माण अन्य महत्वपूर्ण उद्योग हैं।
नगर- ओटावा, मॉण्ट्रियल, टारॉण्टो, बैंकूबर, विनिपूग, हैमिल्टन, बेक तथा हैलिफैक्स इसके प्रमुख नगर हैं। ओटावा कैनाडा की राजधानी है ; जो ऑण्टेरियों में ओटावा नदी के दाहिने तट पर तथा रिड्यू नहर पर स्थित है। यह एक सुनियोजित नगर है। धातुओं, लकड़ी के सामान, कागज तथा सीमेंट के निर्माण का प्रमुख औद्योगिक केंद्र है। मॉण्ट्रियल सेंट लारेंस नदी पर अंध महासागर से 1,000 मील दूर स्थित नगर तथा बंदरगाह है। यहाँ से लकड़ी, अनाज आटा, पशु, मक्खन, पनीर (चीज) समूर, कपड़ा तथा मशीनें आदि निर्यात होती हैं। क्विवेक सेंट लारेंस नदी के तट पर ऊँचे स्थान पर स्थित प्राचीन नगर है। नगर चारों ओर से दीवारों से घिरा है। नगर में चमड़े और लकड़ी के सामान के कई कारखाने हैं। यहाँ से मुख्यत: पशुओं, लकड़ी तथा अनाज का निर्यात होता है। कैनाडा के मध्य में, विनिपेग झील के 45 मील दक्षिण स्थित विनिपेग नगर है जो मध्य कैनाडा के कृषि प्रदेश का व्यावसायिक केंद्र है। अनाज, लकड़ी तथा पशुओं से प्राप्त वस्तुओं का यह महत्वपूर्ण बाजार है। ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में वैंकूवर प्रशांत महासागर का बंदरगाह और अंतर्महाद्वीपीय रेल की लाइन का अंतिम स्टेशन है। यहाँ लुग्दी, कागज, कपड़ा, मशीनें और चीनी बनाने के कई कारखानें हैं। यह जलपोत के निर्माण, सेैमन मछलियों को डिब्बे में बंद करने और लकड़ी के व्यवसाय का महत्वपूर्ण केंद्र है। (प्रमिला वर्मा.; परमेश्वरीलाल गुप्त)
Hindi Title
कैनाडा
विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia)
अन्य स्रोतों से
संदर्भ
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बाहरी कड़ियाँ
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