हिन्दुस्तान विकासनगर, 13 मई 2019
पिछले चार वर्षों से कालसी ब्लॉक के साहिया क्षेत्र में नहरों और गूलों की मरम्मत का कार्य न होने के कारण क्षेत्र की एक सौ तीस से अधिक नहरें और गुलेंश पड़ी हैं। जिन पर सिंचाई के लिए पानी नहीं चल रहा है। जिससे किसानों के सामने सिंचाई का संकट पैदा हो गया है। सिंचाई की समस्या के कारण किसानों के सामने भुखमरी की नौबत खड़ी हो सकती है।]
वर्ष 2014-15 में लघु सिंचाई विभाग ने क्षेत्र में नहरों और गूलों की मरम्मत की थी। लेकिन उसके बाद न तो नहरों और गूलों का रखरखाव किया गया और न उनकी मरम्मत का कार्य किया गया। जिसके नेतृत्व क्षेत्र में एक सौ तीस से अधिक नहरें होंगी होने के कारण सूखी पड़ी हैं। नहरों पर पानी न चलने के कारण किसानों के सामने संकट खड़ा हो गया है।)
क्षेत्र के विभिन्न गांवों की छानियों और धार्मिकों के दुमड़ा छिन्, झड़वाला छंद, घाघगी, गढावगी, चरगाड, साहिया छंद, जोगीस खेड़ा, हईया, पंजिया छंद, सुइनाद, सिलाई छंद, किमोटा, बड्डू छींद, पिशोगी छौना आदि प्रमुख हैं। नहरें और गूलें सूखी पड़ी हैं। जिससे किसान अपनी खेती की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। किसान गोपाल सिंह, सुनील चौहान, महेंद्र सिंह, तुलसी सिंह, राजेन्द्र सिंह, सूर्यपाल चौहान, सतपाल, केशर सिंह, नरेश, दिनेश आदि का कहना है कि सिंचाई की समस्या होने के कारण उनके खेत बंजर होते रहे हैं। जिससे किसानों के सामने भुखमरी का संकट खडा हो गया है।
किसानों ने शॉर्टसिंचाई विभाग से सिंचाई नहरों और गूलों की मरम्मत कर उनपर पानी की आपूर्ति सुचारू करने की कोशिश की है। बताया कि नहरें ठीक न होने से किसानों के सामने बहुत बढ़ी हुई समस्या हो गई है।)
इस संबंध में अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई रविन्द्र कुमार का कहना है कि शासन को मरम्मत कार्यों के लिए एस्टीमेट तैयार किया गया है। लेकिन अब तक मरम्मत कार्यों के लिए धन स्वीकृति नहीं हुई है। जिसके कारण मरम्मत कार्य नहीं हो पा रहे हैं। धन स्वीकृति मिलने पर नहर गूलों की मरम्मत का कार्य किया जाएगा।)