कांगो गणराज्य

Submitted by Hindi on Mon, 08/08/2011 - 15:17
कांगो गणराज्य अफ्रीका गणराज्य तथा कैमेंरुन, पश्चिम में गैवान और अंध महासागर तथा दक्षिण और पूर्व में कांगो नदी के दूसरी ओर ज़ैरे गणराज्य का विस्तार है। कुछ समय तक यह राज्य फ्रांस के आधिपत्य में रहा लेकिन अगस्त, 1960 ई. में यह पूर्णरूपेण स्वतंत्र हो गया। कांगो और ज़ैरे गणराज्यों के बीच ज़ैरे नदी प्राकृतिक सीमा निर्धारित करती है जो इस गणराज्य के लिए बड़े महत्व की है। ब्राजाविले, जिसकी स्थापना 19वीं शताब्दी के अंत में पिरे सैवोरनान ब्राजा द्वारा की गई थी, यहाँ की राजधानी है। कांगो के पश्चिमी किनारे पर ब्राजाविले और ठीक दूसरी ओर पूर्वी किनारे पर किन्शासा नगर बसे हुए हैं। सन्‌ 1971 ई. में ब्रजाविले की जनसंख्या 2,00,000 थी तथा पूरे गणराज्य की जनसंख्या 10,12,800 रही।

धरातलीय संरचना एवं जलवायु- इस प्रदेश का उत्तरी भाग पूर्णतया पठारी है जिसकी औसत ऊँचाई 2,600 फुट (790 मी.) है। यह भूभाग सवाना घासों एवं घने जंगलों से पूर्णतया आवृत है। ब्राजाविले के उत्तरी भाग में वेटेके नामक पठार है जो घासों से पूर्णतया, आवृत और नदियों द्वारा कटा-फटा है। इस पठार के उत्तर में कांगो नदी के बेसिन अभेद्य वनों से आवृत हैं।

उबांगी तथा कांगो इस प्रदेश की मुख्य नदियाँ हैं। कांगो नदी का 690 कि.मी. जलप्रवाह इस देश में पड़ता है जिसके दूसरी ओर कांगो किन्शासा गणराज्य है। इसके अतिरिक्त संगा, लिकोइला, कोइलोऊ, एलिमा और नियारी मुख्य निदयाँ हैं, जिनमें कोइलोऊ नदी पर 410 फुट ऊँचा बाँध बना हुआ है। उत्तरी पठारी भाग काफी ऊबड़ खाबड़ और कृषि कार्य के लिए अनुपयुक्त है। साथ-साथ यहाँ की मिट्टी भी अनुपजाऊ है।

प्रदेश का दक्षिणी भाग निम्नतटीय प्रदेश है जो देश के अंदर 60 कि.मी. तक फैला हुआ है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह भूभाग अंधमहासागर का ऊपर उठा हुआ उथला प्रदेश है जिसपर वृक्ष देखने को नहीं मिलते, जबकि उत्तरी भाग वनों से ही आवृत है।

भूमध्यरेखीय प्रदेश में पड़ने के कारण यहाँ की जलवायु उष्ण कटिबंधीय है। महाद्वीप के पश्चिमी भाग में अवस्थित होने के कारण यहाँ भूमध्यरेखीय प्रदेशों की तुलना में वर्षा बहुत कम होती है।

आर्थिक स्थिति- भूभाग पठारी होने के कारण इस प्रदेश की आर्थिक प्रगति धीमी रही है। मूँगफली, कोकोआ, काफी, मक्का, चावल, नारियल, तंबाकू यहाँ काफी मात्रा में उत्पन्न किए जाते हैं और इन पदार्थों का निर्यात भी विदेशों को किया जाता है। सन्‌ 1968 ई. में यहाँ से 1,285 मी. टन कोकोआ, 1,755 मी. टन काफी, 1,108 मी. टन धान, 2,893 मी. टन नारियल एवं 740 मी. टन तंबाकू का निर्यात विदेशों में किया गया। इसके अतिरिक्त यह राज्य कड़ी लकड़ियों, हीरे, चीनी और पोटास का भी निर्यात करता है। देश का मुख्य व्यापारिक संबंध फ्रांस के साथ जुड़ा हुआ है जहाँ से इस देश को ऋण के रूप में आर्थिक एवं यांत्रिक सहायता उपलब्ध होती रहती है। खनिज संपदा में भी यह राष्ट्र समृद्धिशाली है। हीरे के अलावा यहाँ पर सोना, सीसा, जस्ता, ताँबा, तेल आदि का भी उत्पादन पर्याप्त मात्रा में होता है। आयात की जानेवाली वस्तुओं में मुख्य रूप से मशीनें एवं यांत्रिक उपकरण, मोटर गाड़ियाँ, सूती कपड़े, पेट्रोल के समान, लौह, इस्पात सुखाई हुई मछलियाँ, कागज और कागज के समान तथा शराब हैं जिनमें से अधिकांश वस्तुएँ फ्रांस से ही आयात की जाती है।

यातायात- विषम धरातल होने के कारण पठारी भाग में यातायात का विकास बहुत कम हो पाया है। कांगो एवं उसकी सहायक नदियों से ही यातायात का अधिकांश काम लिया जाता है। ब्राजाविले नदी के किनारे स्वयं एक अच्छा बंदरगाह है जहाँ से कांगों नदी का मुहाना केवल 385 कि.मी. दूर है। दक्षिण-पश्चिम की ओर समुद्रतट पर स्थित प्वाइंट नोरे बंदरगाह से यह गैवान के फ्रांसविले में स्थित लौह खदानों तक की जाती है।

पशुधन- सन्‌ 1968 ई. में कुल 30,000 गाय बैल, 75,000 भेड़ और बकरियाँ तथा 40,000 सूअर थे। घास के मैदान पशुपालन के लिए पर्याप्त सुविधाजनक हैं।

निवासी- वास्तव में यह गणराज्य आदिम जातियों का देश है। अगणित जनजातियों में 15 मुख्य हैं जिनमें बाकोंगो एक प्रगतिशील जाति है जो ब्राजविले में दक्षिण पश्चिम में निवास करती है। पूरे देश में आधी से अधिक जनसंख्या इन्हीं जातियों की है और राजधानी में लगभग 25 प्रतिशत ये ही आबाद हैं। इनके प्राचीन इतिहास से ज्ञात होता है कि ये जातियाँ प्रागैतिहासिक काल से यहाँ निवास कर रही हैं और कुछ काल पूर्व इनका साम्राज्य कांगों नदी के पार अंगोला राज्य तक फैला हुआ था। वेटेके जातियाँ ब्राजाविले के उत्तरी भाग में निवास करती हैं। ये जातियाँ अफ्रीकी हस्तकला में सिद्धहस्त हैं। देश की 40 प्रतिशत जनसंख्या नगरों में निवास करती है, शेष राष्ट्र के दक्षिणी भाग में ही सीमित है। उत्तरी पठारी प्रदेश बिलकुल वीरान दिखाई देता है। यहाँ कांगों 3,50,000 टेके, 1,50,000 और बोची 95,000 हैं जो देश के दक्षिणी भागों में ही सीमित हैं।

यहाँ के अधिकांश निवासी ईसाई मतावलंबी हैं जिनमें रोमन कैथोलिक 32 प्रतिशत और प्रोटेस्टेंट 16 प्रतिशत हैं। मुसलमानों की जनसंख्या बहुत ही कम है। बांटू, सूडानी, अरबी और फ्रेंच यहाँ की मुख्य भाषाएँ हैं जबकि सरकारी कार्य फ्रेंच में ही किया जाता है। अधिकांश जंगली जातियाँ किसी धर्म में विश्वास नहीं करतीं और आज भी अपनी प्राचीन पद्धतियों को लेकर चल रही हैं।

शिक्षा का विकास इस देश में बड़े जोरों से हो रहा है। यहाँ कुल 859 प्रारंभिक विद्यालय, 52 माध्यमिक सिद्यालय एवं 33 तकनीकी विद्यालय हैं जहाँ विशेष प्रकार की तकनीकी शिक्षा की सुविधाएँ उपलब्ध हैं।

मुख्य नगर- यहाँ के मुख्य नगरों में ब्राजाविले (2,00,000), प्वाइंट नोरे (1,00,000), दोलिसी (20,000), जैकोब (15,000), जांबाला (1,433), ईपेना (8,446), केले (1,282) और मोसाका (2,128) हैं जो प्रगति की ओर धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं।

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संदर्भ
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