कार व जलवायु परिवर्तन

Submitted by admin on Wed, 12/08/2010 - 10:24

कार व जलवायु परिवर्तन


जब भी कोई कार चलाई जाती है तो वायु में कार्बन डाईऑक्साइड CO2 उत्सर्जित होता है। प्रति वर्ष एक आम ड्राइवर पेट्रोल की इतनी मात्रा का उपयोग करता है जिसके कारण कार के तेलपाइप से वायु में लगभग 7,700 किलोग्राम CO2 मिल जाता है। प्रत्येक कार द्वारा उत्सर्जित CO2 की इस मात्रा की खपत के लिए हमें औसत आकार के सौ से अधिक वृक्षों की आवश्यकता होती है।

यातायात के साधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करें तथा बहुतायत में वृक्ष लगाएं

प्रदूषण नियंत्रण में भारत का स्थान 123वां है


पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक (EPI) 2010 के अनुसार प्रदूषण नियंत्रण में भारत का स्थान 123वां है, जो तीव्र आर्थिक विकास द्वारा पर्यावरण पर डाले जाने वाले दबाव को दर्शाता है। प्रदूषण नियंत्रण एवं प्राकृतिक संसाधनों के प्रबन्ध में आने वाली चुनौतियों का सामना करने में यह दुनिया भर में अग्रणी है। अन्य उच्च प्रदर्शन वाले देशों में स्विट्ज़रलैंड, कोस्टारिका, स्वीडन एवं नॉर्वे शामिल हैं।

EPI का गठन येल यूनिवर्सिटी एवं कोलम्बिया यूनिवर्सिटी में पर्यावरण विशेषज्ञों के एक दल द्वारा किया गया है। यह पर्यावरण स्वास्थ्य, वायु गुणवत्ता, जल संसाधन प्रबन्ध, जैव विविधता एवं प्राकृतिक वास, वानिकी, मत्स्य पालन, कृषि एवं जलवायु परिवर्तन सहित 25 विभिन्न मैट्रिक्स, जिन्हें जोडकर 10 श्रेणियां बनाई गई हैं, में 163 देशों को उनके प्रदर्शन के आधार पर रैंक देता है।

2012 तक इलेक्ट्रॉनिक कचरों के बढ़कर 8 लाख टन हो जाने की आशंका है


वर्ष 2005 के दौरान देश में 1,46,800 टन ई-कचरे का उत्पादन हुआ जिसके बढ़कर 2012 तक 8 लाख टन हो जाने की आशंका है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार सर्वाधिक मात्रा में ई-कचरे का उत्पादन करने वाले दस शहर हैं- मुम्बई, दिल्ली, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, हैदराबाद, पुणे, सूरत तथा नागपुर।

Hindi Title