बीते गुरुवार को नैनीताल उच्च न्यायालय ने नोटिस देने के बावजूद प्रदूषण फैला रही औद्योगिक संस्थानों को बंद नहीं किये जाने पर नाराजगी जताई थी । जिसमे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिवक्ता ने प्रदूषण फैला रही ऐसी कई औद्योगिक इकाइयों की सूची पेश की थी। पीसीबी ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा था कि स्थानीय प्रशासन व पुलिस का सहयोग न मिलने के कारण कारवाई करने में मुश्किल हो रही है। जिसके बाद शुक्रवार को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों को पूरा नहीं करने वाली सेलाकुई में स्थित ऐसी दो फैक्ट्रियों को सील कर दिया गया है। इनमे से एक मे दवा और दूसरा कंपनी इलेक्ट्रॉनिक सामान बनता है। शुक्रवार देर शाम शाम को पुलिस और प्रशासन की टीम ने कार्रवाई की।
टीम ने मित्तल प्रयोगशाला सारा औद्योगिक एस्टेट, सेलाकुई और हरबर्टपुर हाईवे स्थित डिक्सन प्राइवेट के प्रबंधन से पूछा कि नोटिस के बावजूद कंपनियों ने जल एवं वायु प्रदूषण रोकने के लिए कार्रवाई क्यों नही की, लेकिन प्रबन्धन के पास इसका कोई जवाब मिला। इसके बाद फैक्ट्री में काम कर रहे कर्मचारियों को बाहर किया गया। प्रशासन की मौजूदगी में फैक्ट्रियों को सील किया गया।
उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय इंचार्ज अमित पोखरियाल ने बताया कि दोनों इकाइयों ने मानकों को पूरा नहीं किया। इसके चलते दोनों कंपनियों को नोटिस जारी किया गया, लेकिन न तो नोटिस का जवाब मिला और न ही समयावधि के भीतर मानकों को पूरा किया गया। इसके चलते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में दोनों फैक्ट्रियों को सील कर दिया है।
वहीं रुद्रपुर में भी प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों के खिलाफ हाईकोर्ट की सख्ती पर हरकत में आए पीसीबी के अधिकारियों ने पंतनगर और सितारगंज की पांच कंपनियों की बिजली काट दी है। टीम ने कंपनियों के जेनरेटर भी सील कर दिए हैं। शुक्रवार को पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी सुभाष पंवार टीम के साथ रुद्रपुर पहुंचे और तहसीलदार डॉ अमृता शर्मा के साथ पंतनगर सिडकुल पहुंचकर हुहतामाकी पीपीएल लिमिटिड, यूरेसिया डोर डिवाइस और मीटर एन्ड मीटर इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड की बिजली आपूर्ति काट दी। इसके बाद टीम ने एल्डिको सिडकुल सितारगंज की बालमार्क प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और एगमेको फोकेट्स प्राइवेट लिमिटेड की भी बिजली काट दी गई। इस कार्रवाई से ऐसी और कंपनियों के बीच हड़कंप मच गया है।