जोधपुर शहर से 11 कि.मी. दूर जैसलमेर रोड पर एक कृत्रिम झील कालियाना या कैलाना भी बड़ी सुंदर झील है। इस झील का निर्माण महाराणा प्रताप सिंह ने कराया था। सूर्यास्त के समय इसका रंगबिरंगा सौंदर्य देखकर ऐसा लगता है कि चित्रकार प्रकृति ने अपनी तालिका से रंग-बिरंगे चित्र बनाकर फलक पर बिखेर दिये हों।
जोधपुर शहर से 61 कि.मी. दूर सरदार समुद्र झील भी दर्शनीय है। प्रताप सागर और उम्मेद सागर जोधपुर की अन्य झीलें हैं। डूंगरपुर की गैवसागर झील भी दर्शनीय है।
ज्ञातव्य है कि कच्छ की खाड़ी समुद्र का ही एक भाग है। पहले नर्मदा घाटी को सिंध प्रांत से जोड़ती है और कच्छ को अलग करती है। इस क्षेत्र की लम्बाई 24,900 वर्ग कि.मी. और चौड़ाई 55 कि.मी. है। यह अधिकांशतः पूरे साल और विशेषकर गर्मियों में नमक का रेगिस्तान बन जाता है। कभी यहां नौका खेने लायक गहराई थी लेकिन अब वर्षा के समय बस पतली तह में नमकीन पानी का फैलाव देखा जा सकता है।
जोधपुर शहर से 61 कि.मी. दूर सरदार समुद्र झील भी दर्शनीय है। प्रताप सागर और उम्मेद सागर जोधपुर की अन्य झीलें हैं। डूंगरपुर की गैवसागर झील भी दर्शनीय है।
ज्ञातव्य है कि कच्छ की खाड़ी समुद्र का ही एक भाग है। पहले नर्मदा घाटी को सिंध प्रांत से जोड़ती है और कच्छ को अलग करती है। इस क्षेत्र की लम्बाई 24,900 वर्ग कि.मी. और चौड़ाई 55 कि.मी. है। यह अधिकांशतः पूरे साल और विशेषकर गर्मियों में नमक का रेगिस्तान बन जाता है। कभी यहां नौका खेने लायक गहराई थी लेकिन अब वर्षा के समय बस पतली तह में नमकीन पानी का फैलाव देखा जा सकता है।
Hindi Title
कालियाना झील अथवा कैलाना झील
अन्य स्रोतों से
संदर्भ
1 - प्रकाशन विभाग की पुस्तक - हमारी झीलें और नदियां - लेखक - राजेन्द्र मिलन - पृष्ठ - 44