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नवोदय टाइम्स, 05 जुलाई 2015
पौराणिक प्रमाणों के आधार पर कोपनहेगन का अस्तित्व लगभग 6000 वर्ष पूर्व माना गया है परन्तु इसका प्रथम लिखित अभिलेख 1043 से मिलता है। उस समय इसे हैवन या हार्बर कहा जाता था तथा वहाँ वर्तमान सिटी हाल स्क्वेयर एवं समुद्र के बीच कुछ समूह एवं उनके आवास स्थल ही थे। ऐतिहासिक इमारतों, प्राचीन गलियों, अद्भुत म्यूजियम एवं गैलरी, अनोखे टिवोली पार्क एवं राजशाही घरों की छटां से भरपूर प्राचीन एवं नवीन तकनीकों को समेटे कोपनहेगन न केवल डेनमार्क की राजधानी है वरन विश्व पटल में अपना एक विशिष्ट स्थान रखता है। आज का कोपनहेगन आधुनिकता के साथ अपने अतीत को भी संजोए हुए अपनी अद्भुत वास्तुकला एवं फैशन से परिपूर्ण पर्यटन स्थल है।
इतिहास
पौराणिक प्रमाणों के आधार कोपनहेगन का अस्तित्व लगभग 6000 वर्ष पूर्व माना गया है परन्तु इसका प्रथम लिखित अभिलेख 1043 से मिलता है। उस समय इसे हैवन या हार्बर कहा जाता था तथा वहाँ वर्तमान सिटी हाल स्क्वेयर एवं समुद्र के बीच कुछ समूह एवं उनके आवास स्थल ही थे। उस समय लोगों का मुख्य पेशा औरसैंड (डेनमार्क एवं स्वीडन को पृथक करते क्षेत्र) में मछली पालन था। धीरे-धीरे रोस्केलाइड में शाही परिवार (वर्तमान में पश्चिमी कोपनहेगन) तथा दक्षिणी स्वीडन में कैथेड्रल ऑफ लुंड नामक धार्मिक केन्द्र के कारण यह शहर विकसित होता गया। उस समय दक्षिणी स्वीडन भी डेनमार्क का एक भाग था। यहाँ अनेक पर्यटन स्थल हैं, जिनमें प्रमुख हैंः
टिवोली पार्क
टिवोली गार्डन को सबसे पहले जन सामान्य के लिए 1843 में खोला गया था। आज यह सबसे पुराना एम्यूजमैंट पार्क है। यह अप्रैल से सितम्बर तक तथा फिर पुनः क्रिसमस सीजन में 18 नवम्बर से 23 दिसम्बर तक खुलता है। 21 एकड़ में फैले इस पार्क में बच्चों के झूले, निशानेबाजी गैलरी, गेम्स ऑफ चांस, गर्म हवा के गुब्बारे की सैर, लकड़ी का रोलर कॉस्टर तथा अनेक आकर्षण हर उम्र के लिए उपलब्ध हैं। पार्क में कैफे, रेस्टोरैंट के साथ-साथ हँसों से भरी झील तथा हजारों खुशबूदार फूलों से भरे बगीचे सभी कुछ हैं। शाम को पार्क हजारों बल्बों की रोशनी से जमगमा उठता है तथा एक जादू-सा माहौल उत्पन्न कर देता है। हर शनिवार को आधी रात से ठीक पहले आकाश टिवोली पार्क से होने वाली आतिशबाजी से जगमगा उठता है।
लिटल मरमेड
कोपनहेगन बंदरगाह के आपशोर पर स्थित लिटल मरमेड को डेनमार्क का लैंडमार्क और कोपनहेगन सिटी का पर्याय माना जाता है। डेनिश लेखक हैंस क्रिस्टियन एंडरसन को इसका जनक माना जाता है। एंडरसन ने 1837 में ‘फेयरीटेल ऑफ द लिटल मरमेड’ लिखी तथा डिजनी ने इस पर फिल्म बनाई जबकि कोपनहेगन ने अपनी बंदरगाह पर इसकी प्रतिमा स्थापित की। आज भी लिटल मरमेड की प्रतिमा डेनमार्क का सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं तथा इसे विश्व की सबसे अधिक चित्रित प्रतिमा भी माना जाता है।
यह हरे-भरे पार्कों के पास स्थित है तथा एक जीवंत आकार से थोड़ी बड़ी है। कोपनहेगन की यात्रा लिटल मरमेड को देखे बिना अधूरी मानी जाती है। इसे कई बार कुछ लोगों ने क्षतिग्रस्त भी किया तथा एक बार इस प्रतिमा को पुनः मोल्ड भी किया गया। वास्तव में लिटल मरमेड की यह प्रतिमा मुख्य अथवा प्रथम निर्मित प्रतिमा की प्रति मात्र है। प्रथम मुख्य प्रतिमा वास्तुकार एडमर्ड इरिक्सन के वंशजों के पास हैं। कोपनहेगन बंदरगाह स्थिति इस प्रतिमा का वजन लगभग 175 किलोग्राम एवं ऊँचाई 165 सैं.मी. है। 23 अगस्त 1913 को इसे कोपनहेगन को कार्ल जैक्सन ने दिया तथा इसी दिन इसका जन्मदिन मनाया जाता है। इसके जन्म दिन पर अनेक लोग युवा एवं वृद्ध सभी पानी में इसके चारों ओर तैरते हैं। इस प्रतिमा ने अनेक कष्ट सहे परन्तु आज भी यह अडिग है। इसे कैनाल टूर या अन्य टूर द्वारा देखा जा सकता है।
एमेलिएन बोर्ग पैलेस
क्रिश्चियन बोर्ग पैलेस जलने के बाद 1794 से शाही परिवार का आधिकारिक निवास है। यहाँ चार बड़े निवास एक बड़े स्क्वेयर के चारों ओर निर्मित हैं। यहाँ शाही परिवार दिसम्बर से अप्रैल तक रहता है जबकि महारानी एवं उनके पति गर्मी में उत्तरी जियालैंड के फ्रीडेन्सबोर्ग पैलेस में रहते हैं। यहाँ पारम्परिक वेषभूषा से सज्जित शाही गार्ड हर दिन 11.45 बजे बदलते हैं जिनकी परेड देखने अनेक लोग आते हैं। 1994 के बाद शाही महल के कुछ क्षेत्र को पर्टयकों हेतु खोल दिया गया है तथा पर्यटक क्रिस्टियन नवम के निजी कक्ष, महारानी लुईस के कक्ष तथा फ्रैड्रिक अष्टम के कक्ष को देख सकते हैं। क्रिश्चियन पैलेस का कुछ भाग शाही परिवार की वस्तुओं के म्यूजियम के रूप में रखा गया है। यहाँ मैट्रो कोनजेन्स नाइट्रोल स्टेसन से 5 मिनट पैदल जाना होगा।
नैशनल गैलरी (स्टेन्स म्यूजियम फोर कुन्सट)
डेनमार्क का यह एकमात्र स्थान है जहाँ 700 वर्षों की पश्चिमी कला एवं सांस्कृतिक इतिहास एक ही छत के नीचे देखा जा सकता है। इस म्यूजियम की यात्रा का अर्थ है क्लासिकल, आधुनिक एवं कन्टैम्परी आर्ट के साथ नवीन एवं प्राचीन कला-संस्कृति का संगम देखना। संगर्हालय की यात्रा मुफ्त है जबकि विशिष्ट संग्राहलय हेतु 80 क्रोनर का शुल्क है। हर रविवार दोपहर 3 बजे म्यूजियम में कन्सर्ट भी आयोजित किया जाता है। यह सोमवार एवं 5 जून तथा 24, 25 व 31 दिसम्बर को बंद रहता है। इसके खुलने का समय मंगल से शुक्रवार तक 10 से 5 बजे तक परन्तु बुधवार को 10 से 8 बजे तक रहता है। यहाँ पर नोरीपोर्ट मैट्रो स्टेशन से पहुँचा जा सकता है।
द राऊंड टॉवर
इसे रुंडटेरन भी कहा जाता है। यह यूरोप की सबसे पुरानी सक्रिय वेधशाला है जो 1642 से कार्यरत है। इसके अंदरूनी भाग में सर्पिलाकार रास्ता है। इसे क्रिस्टियन चतुर्थ ने बनाया। एस्ट्रोनोमर आज भी इसका उपयोग करते हैं। यह एक बाहरी प्लेटफार्म से घिरी है जिससे पर्यटक पुराने कोपनहेगन का अद्भुत दृश्य देख सकते हैं। यहाँ जाने के लिए एक सर्पीले रास्ते से जाना पड़ता है। यह रास्ता बाहरी दीवार पर 268.5 मीटर लम्बा तथा बिल्डिंग के केन्द्र के पास मात्र 85.5 लम्बा है। इसका अर्थ है कि पर्यटकों को मात्र 36 मीटर ऊँचे इस स्थल तक पहुँचने के लिए सर्पिलाकार रास्ते से 209 मीटर दूरी तय करनी पड़ती है। यह गर्मियों में रविवार दोपहर तक खुलता है जबकि सर्दी में मंगलवार या बुधवार की शाम खुलता है।
इसके अतिरिक्त यहाँ विशालकाय पुस्तकालय एवं ओपेरा हाऊस भी दर्शनीय हैं। कोपनहेगन का बाजार, यहाँ की ईमारतें एवं प्राकृतिक मानव निर्मित झीलें भी सुंदर हैं। यहाँ के लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरुकता स्पष्ट देखी जा सकती है।
इतिहास
पौराणिक प्रमाणों के आधार कोपनहेगन का अस्तित्व लगभग 6000 वर्ष पूर्व माना गया है परन्तु इसका प्रथम लिखित अभिलेख 1043 से मिलता है। उस समय इसे हैवन या हार्बर कहा जाता था तथा वहाँ वर्तमान सिटी हाल स्क्वेयर एवं समुद्र के बीच कुछ समूह एवं उनके आवास स्थल ही थे। उस समय लोगों का मुख्य पेशा औरसैंड (डेनमार्क एवं स्वीडन को पृथक करते क्षेत्र) में मछली पालन था। धीरे-धीरे रोस्केलाइड में शाही परिवार (वर्तमान में पश्चिमी कोपनहेगन) तथा दक्षिणी स्वीडन में कैथेड्रल ऑफ लुंड नामक धार्मिक केन्द्र के कारण यह शहर विकसित होता गया। उस समय दक्षिणी स्वीडन भी डेनमार्क का एक भाग था। यहाँ अनेक पर्यटन स्थल हैं, जिनमें प्रमुख हैंः
टिवोली पार्क
टिवोली गार्डन को सबसे पहले जन सामान्य के लिए 1843 में खोला गया था। आज यह सबसे पुराना एम्यूजमैंट पार्क है। यह अप्रैल से सितम्बर तक तथा फिर पुनः क्रिसमस सीजन में 18 नवम्बर से 23 दिसम्बर तक खुलता है। 21 एकड़ में फैले इस पार्क में बच्चों के झूले, निशानेबाजी गैलरी, गेम्स ऑफ चांस, गर्म हवा के गुब्बारे की सैर, लकड़ी का रोलर कॉस्टर तथा अनेक आकर्षण हर उम्र के लिए उपलब्ध हैं। पार्क में कैफे, रेस्टोरैंट के साथ-साथ हँसों से भरी झील तथा हजारों खुशबूदार फूलों से भरे बगीचे सभी कुछ हैं। शाम को पार्क हजारों बल्बों की रोशनी से जमगमा उठता है तथा एक जादू-सा माहौल उत्पन्न कर देता है। हर शनिवार को आधी रात से ठीक पहले आकाश टिवोली पार्क से होने वाली आतिशबाजी से जगमगा उठता है।
लिटल मरमेड
कोपनहेगन बंदरगाह के आपशोर पर स्थित लिटल मरमेड को डेनमार्क का लैंडमार्क और कोपनहेगन सिटी का पर्याय माना जाता है। डेनिश लेखक हैंस क्रिस्टियन एंडरसन को इसका जनक माना जाता है। एंडरसन ने 1837 में ‘फेयरीटेल ऑफ द लिटल मरमेड’ लिखी तथा डिजनी ने इस पर फिल्म बनाई जबकि कोपनहेगन ने अपनी बंदरगाह पर इसकी प्रतिमा स्थापित की। आज भी लिटल मरमेड की प्रतिमा डेनमार्क का सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं तथा इसे विश्व की सबसे अधिक चित्रित प्रतिमा भी माना जाता है।
यह हरे-भरे पार्कों के पास स्थित है तथा एक जीवंत आकार से थोड़ी बड़ी है। कोपनहेगन की यात्रा लिटल मरमेड को देखे बिना अधूरी मानी जाती है। इसे कई बार कुछ लोगों ने क्षतिग्रस्त भी किया तथा एक बार इस प्रतिमा को पुनः मोल्ड भी किया गया। वास्तव में लिटल मरमेड की यह प्रतिमा मुख्य अथवा प्रथम निर्मित प्रतिमा की प्रति मात्र है। प्रथम मुख्य प्रतिमा वास्तुकार एडमर्ड इरिक्सन के वंशजों के पास हैं। कोपनहेगन बंदरगाह स्थिति इस प्रतिमा का वजन लगभग 175 किलोग्राम एवं ऊँचाई 165 सैं.मी. है। 23 अगस्त 1913 को इसे कोपनहेगन को कार्ल जैक्सन ने दिया तथा इसी दिन इसका जन्मदिन मनाया जाता है। इसके जन्म दिन पर अनेक लोग युवा एवं वृद्ध सभी पानी में इसके चारों ओर तैरते हैं। इस प्रतिमा ने अनेक कष्ट सहे परन्तु आज भी यह अडिग है। इसे कैनाल टूर या अन्य टूर द्वारा देखा जा सकता है।
एमेलिएन बोर्ग पैलेस
क्रिश्चियन बोर्ग पैलेस जलने के बाद 1794 से शाही परिवार का आधिकारिक निवास है। यहाँ चार बड़े निवास एक बड़े स्क्वेयर के चारों ओर निर्मित हैं। यहाँ शाही परिवार दिसम्बर से अप्रैल तक रहता है जबकि महारानी एवं उनके पति गर्मी में उत्तरी जियालैंड के फ्रीडेन्सबोर्ग पैलेस में रहते हैं। यहाँ पारम्परिक वेषभूषा से सज्जित शाही गार्ड हर दिन 11.45 बजे बदलते हैं जिनकी परेड देखने अनेक लोग आते हैं। 1994 के बाद शाही महल के कुछ क्षेत्र को पर्टयकों हेतु खोल दिया गया है तथा पर्यटक क्रिस्टियन नवम के निजी कक्ष, महारानी लुईस के कक्ष तथा फ्रैड्रिक अष्टम के कक्ष को देख सकते हैं। क्रिश्चियन पैलेस का कुछ भाग शाही परिवार की वस्तुओं के म्यूजियम के रूप में रखा गया है। यहाँ मैट्रो कोनजेन्स नाइट्रोल स्टेसन से 5 मिनट पैदल जाना होगा।
नैशनल गैलरी (स्टेन्स म्यूजियम फोर कुन्सट)
डेनमार्क का यह एकमात्र स्थान है जहाँ 700 वर्षों की पश्चिमी कला एवं सांस्कृतिक इतिहास एक ही छत के नीचे देखा जा सकता है। इस म्यूजियम की यात्रा का अर्थ है क्लासिकल, आधुनिक एवं कन्टैम्परी आर्ट के साथ नवीन एवं प्राचीन कला-संस्कृति का संगम देखना। संगर्हालय की यात्रा मुफ्त है जबकि विशिष्ट संग्राहलय हेतु 80 क्रोनर का शुल्क है। हर रविवार दोपहर 3 बजे म्यूजियम में कन्सर्ट भी आयोजित किया जाता है। यह सोमवार एवं 5 जून तथा 24, 25 व 31 दिसम्बर को बंद रहता है। इसके खुलने का समय मंगल से शुक्रवार तक 10 से 5 बजे तक परन्तु बुधवार को 10 से 8 बजे तक रहता है। यहाँ पर नोरीपोर्ट मैट्रो स्टेशन से पहुँचा जा सकता है।
द राऊंड टॉवर
इसे रुंडटेरन भी कहा जाता है। यह यूरोप की सबसे पुरानी सक्रिय वेधशाला है जो 1642 से कार्यरत है। इसके अंदरूनी भाग में सर्पिलाकार रास्ता है। इसे क्रिस्टियन चतुर्थ ने बनाया। एस्ट्रोनोमर आज भी इसका उपयोग करते हैं। यह एक बाहरी प्लेटफार्म से घिरी है जिससे पर्यटक पुराने कोपनहेगन का अद्भुत दृश्य देख सकते हैं। यहाँ जाने के लिए एक सर्पीले रास्ते से जाना पड़ता है। यह रास्ता बाहरी दीवार पर 268.5 मीटर लम्बा तथा बिल्डिंग के केन्द्र के पास मात्र 85.5 लम्बा है। इसका अर्थ है कि पर्यटकों को मात्र 36 मीटर ऊँचे इस स्थल तक पहुँचने के लिए सर्पिलाकार रास्ते से 209 मीटर दूरी तय करनी पड़ती है। यह गर्मियों में रविवार दोपहर तक खुलता है जबकि सर्दी में मंगलवार या बुधवार की शाम खुलता है।
इसके अतिरिक्त यहाँ विशालकाय पुस्तकालय एवं ओपेरा हाऊस भी दर्शनीय हैं। कोपनहेगन का बाजार, यहाँ की ईमारतें एवं प्राकृतिक मानव निर्मित झीलें भी सुंदर हैं। यहाँ के लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरुकता स्पष्ट देखी जा सकती है।