कर्म हीन नर खेती करै

Submitted by Hindi on Mon, 03/22/2010 - 08:48
Author
घाघ और भड्डरी

कर्म हीन नर खेती करै।
बरधा मरै कि सूखा परै।।


भावार्थ- जिस किसान का भाग्य खराब होगा वह यदि खेती करेगा तो या तो उसका बैल मर जायेगा या सूखा पड़ जायेगा।