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गांधी हिन्दुस्तानी साहित्य सभा
घटप्रभा और मलप्रभा हमारी ओर के कर्नाटक की प्रमुख नदियां हैं। वे स्वभाव से किसान हैं। वे जहां जाती हैं वहां खेती करती हैं, जमीन को खाद देती हैं, पानी देती हैं और मेहनत करने वाले लोगों को समृद्धि देती हैं। इसमें भी गोकाक के पास एक बड़ा बांध बनाकर मनुष्य ने इस नदी की शक्ति बढ़ा दी है। जहां नदी के पानी की पहुंच न थी, वहां इस बांध के कारण वह पहुंच गयी। घटप्रभा का नाम लेते ही गोकाक के पास का लंबा बांध ध्यान में जरूर आयेगा। बड़ी-बड़ी नदियां, जहां-तहां से पंक खींच-खींचकर ले जाती है, जब कि ऐसी छोटी नदियां, हो सके वहां से, थोड़ा-थोड़ा करके अच्छा कीमती पंक किसानों को अपने पानी के साथ मुफ्त में देकर अपने बालकों का पालन करती है। सचमुच घटप्रभा कृषक जाति की नदी है।
बेलगाम से इतना नजदीक होते हुए भी गोकाक के पास का घटप्रभा का प्रपात अभी देखना बाकी ही है।
1926-27
बेलगाम से इतना नजदीक होते हुए भी गोकाक के पास का घटप्रभा का प्रपात अभी देखना बाकी ही है।
1926-27