क्षार

Submitted by Hindi on Mon, 08/08/2011 - 18:39
क्षार (Alkalies) पौंधों की राख के लिये, जिसमें सोडियम और पोटासियम कार्बोनेट रहते हैं, पहले क्षार शब्द प्रयुक्त होता था। भिक्षालन और संकर्षण द्वारा राख से क्षार पृथक्‌ किए जाते हैं। ऐसे क्षार को मृदु क्षार की संज्ञा दी गई थी। मृदु क्षारों को चूने के साथ उपचारित करने से दाहक क्षार प्राप्त होता था, जिसका उपयोग बहुत पहले से साबुन बनाने में होता आ रहा है। समुद्री पौधों से कठोर साबुन और स्थलीय पौधों के क्षार से कोमल साबुन बनाया जाता था। पीछे वैज्ञानिकों ने देखा कि समुद्री घासों की राख में प्रधानतया सोडियम कार्बोनेट रहता है और स्थलीय पौधों की राख में प्रधानतया पोटासियम कार्बोनेट रहता है। वनस्पतिक क्षार पीछे कुछ खनिजों में भी पाया गया। इसका नाम पोटाश रखा गया।

आधुनिक रसायन में लिथियम, सोडियम, रुबीडियम और सीज़ियम धातुओं के अतिविलेय हाइड्रोक्साइडों को ही क्षार कहते हैं। क्षारों का अम्ल या उदासीन पदार्थों से विभेद लिटमस, फिनौलथैलीन, और अन्य सूचकों पर लाक्षणिक-क्रियाओं द्वारा किया जा सकता है। क्षार शब्द का आजकल कम विलेय कैलसियम, स्ट्रांशियम और बेरियम के हाइड्रोक्साइडों तथा ऐमोनिया और थैलस हाइड्रोक्साइड के लिए भी व्यवहृत होता है। वस्तुत क्षार नाम उन सभी यौगिकों के लिये भी व्यवहृत होता है जो जल में विलेय होते हैं और समाक्षार सदृश व्यवहार करते हैं । (फूलदेवसहाय वर्मा)

Hindi Title

क्षार


विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia)




अन्य स्रोतों से




संदर्भ
1 -

2 -

बाहरी कड़ियाँ
1 -
2 -
3 -