कुर्ग (कौड़गु) कर्णाटक प्रदेश का एक जिला। (100.53’ से 120.45’ उ. अक्षांश तथा 750.25’ से 760.13’ पू. देशांतर) यह पश्चिमी घाट का भाग है, अत: संपूर्ण प्रदेश पर्वतीय है। इसके किसी भी भाग की ऊँचाई, सागरतल से 3000 फुट से कम नहीं हैं। इस प्रदेश की सर्वोच्च चोटी टंडियांडमोल (ऊँचाई, 5,789 फुट) है। प्रदेश के अधिकांश पानी का निकास कावेरी और उसकी सहायक नदियों द्वारा होता है। इसका क्षेत्रफल 4,104 वर्ग किलोमीटर है।
इसकी जलवायु उष्ण और आर्द्र है। वर्षा का वार्षिक औसत 80'-120' और तापमान 600 फ़ा. के लगभग है। अधिकतम तापमान 820 फ़ा. और न्यूनतम 520 फ़ा. है। जलवायु वनों की उर्वरता के उपयुक्त है, अत: कुर्ग का लगभग तृतीयांश क्षेत्र सघन वनों से आच्छादित हैं। यहाँ के प्रमुख वृक्षों में चंपक, आबनूस, श्वेत देवदारु, रक्त देवदारु, रालधूप (ब्लैक डामर ट्री), केरल पुन्नाग (पून), मधुदीर्घा (स्पर) तथा बाँस उल्लेखनीय हैं। बड़े वृक्षों के नीचे छोटे वृक्ष उगते हैं, जिनमें इलायची, सुपारी, केला, बेत और कालीमिर्च प्रमुख हैं। यहाँ के वनों में वनपशुओं की प्रचुरता है; इनमें हाथी, शेर, चीते, गौर (बाइसन), जंगली सुअर, हरिण, बंदर तथा विविध प्रकार की चिड़ियाँ उल्लेखनीय हैं।
कृषि यहाँ का मुख्य उद्यम है तथा चावल, कहवा, संतरा, काली मिर्च और इलायची यहाँ की प्रमुख उपजें हैं। कृषिभूमि के 53% भाग में चावल तथा 30% भाग में कहवा और काफी उत्पन्न की जाती है। ये सभी वस्तुएँ इस प्रदेश से बाहर जाती हैं।
इसमें कोड़गु, गोडुगाल, लिंगायत ब्राह्मण, मुसलमान तथा अनुसुचित जातियों के लोग अधिक हैं। कुर्ग की भाषा कन्नड़ हैं। (प्रमिला वर्मा)
इसकी जलवायु उष्ण और आर्द्र है। वर्षा का वार्षिक औसत 80'-120' और तापमान 600 फ़ा. के लगभग है। अधिकतम तापमान 820 फ़ा. और न्यूनतम 520 फ़ा. है। जलवायु वनों की उर्वरता के उपयुक्त है, अत: कुर्ग का लगभग तृतीयांश क्षेत्र सघन वनों से आच्छादित हैं। यहाँ के प्रमुख वृक्षों में चंपक, आबनूस, श्वेत देवदारु, रक्त देवदारु, रालधूप (ब्लैक डामर ट्री), केरल पुन्नाग (पून), मधुदीर्घा (स्पर) तथा बाँस उल्लेखनीय हैं। बड़े वृक्षों के नीचे छोटे वृक्ष उगते हैं, जिनमें इलायची, सुपारी, केला, बेत और कालीमिर्च प्रमुख हैं। यहाँ के वनों में वनपशुओं की प्रचुरता है; इनमें हाथी, शेर, चीते, गौर (बाइसन), जंगली सुअर, हरिण, बंदर तथा विविध प्रकार की चिड़ियाँ उल्लेखनीय हैं।
कृषि यहाँ का मुख्य उद्यम है तथा चावल, कहवा, संतरा, काली मिर्च और इलायची यहाँ की प्रमुख उपजें हैं। कृषिभूमि के 53% भाग में चावल तथा 30% भाग में कहवा और काफी उत्पन्न की जाती है। ये सभी वस्तुएँ इस प्रदेश से बाहर जाती हैं।
इसमें कोड़गु, गोडुगाल, लिंगायत ब्राह्मण, मुसलमान तथा अनुसुचित जातियों के लोग अधिक हैं। कुर्ग की भाषा कन्नड़ हैं। (प्रमिला वर्मा)
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विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia)
अन्य स्रोतों से
संदर्भ
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बाहरी कड़ियाँ
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