यह नदी राँची के पठार के मध्य से निकलकर पाट के घुमावदार प्रवाह क्षेत्र से होती हुई उत्तर की ओर प्रवाहित होती है।
अपने उदगम से 255 किमी. की दूरी तय कर यह सोन नदी में मिल जाती है।
यह नदी गर्मी के मौसम में सूख जाती है, लेकिन वर्षा के दिनों में तुरन्त बाढ़ के साथ उमड़ कर बहने लगती है।
राँची और हज़ारीबाग़ पठार से होते हुए आने वाली औरंगा नदी और अमानत नदी इसकी सहायक नदियाँ हैं।
औरंगा नदी राँची ज़िले के सोहिदा गाँव से निकलकर 80 किमी. की यात्रा तय करती है और कोयल नदी में मिल जाती है।
अमानत नदी हज़ारीबाग़ ज़िले से निकलकर कोयल मेदिनीनगर के पास 10 किमी. उत्तर-पूर्व में मिलती है।
इस नदी पर बूढ़ा प्रपात है, जिसकी ऊँचाई 450 फ़ीट है।
यह झारखण्ड का सबसे ऊँचा प्रपात है।
अपने उदगम से 255 किमी. की दूरी तय कर यह सोन नदी में मिल जाती है।
यह नदी गर्मी के मौसम में सूख जाती है, लेकिन वर्षा के दिनों में तुरन्त बाढ़ के साथ उमड़ कर बहने लगती है।
राँची और हज़ारीबाग़ पठार से होते हुए आने वाली औरंगा नदी और अमानत नदी इसकी सहायक नदियाँ हैं।
औरंगा नदी राँची ज़िले के सोहिदा गाँव से निकलकर 80 किमी. की यात्रा तय करती है और कोयल नदी में मिल जाती है।
अमानत नदी हज़ारीबाग़ ज़िले से निकलकर कोयल मेदिनीनगर के पास 10 किमी. उत्तर-पूर्व में मिलती है।
इस नदी पर बूढ़ा प्रपात है, जिसकी ऊँचाई 450 फ़ीट है।
यह झारखण्ड का सबसे ऊँचा प्रपात है।
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