अरब सागर में केरल के समुद्र तट से 400 कि.मी. तक विशाल समुद्र एक तरणताल जैसा लगता है। प्रवाल की चट्टानों ने लक्षद्वीप समूह के पश्चिमी किनारे को सुंदर झीलों में परिवर्तित कर दिया है। यहां साफ, स्वच्छ नीले जल में मूंगे की चट्टानों व समुद्री जीवों, जलीय जन्तु पौधे और रंगबिरंगी मछिलयों की सुंदर चित्ताकर्षक झांकी देखने को मिलती है। लक्षद्वीप देश का एक मात्र शैलमाला द्वीप है। यहां पर दूर-दूर तक चांदी की तरह चमचमाते बालू के किनारे तथा नारियल के वृक्षं की सघन कतारे देखकर मन मुग्ध हो उठता है। इस तट की कदामत, कालापानी मिन्साय, बंगाराम द्वीप की सुंदर नीली झीलें ऐसे लगती हैं मानो माणिक पर नीलम झिलमिला रहा हो। सूर्यास्त का समय ऐसा आभास होता है कि मानों सूर्य अंधेरे की ओर बढ़ता आ रहा हो और अपनी जलन शांत जल में बुझाने जा रहा हो। ज्ञातव्य है कि लक्षद्वीप लगभग 36 द्वीपों की श्रृंखला का नाम है। इनमें परस्पर मीलों का अंतर है। मात्र दस द्वीपों में जन-जीवन है। मिनीकाय द्वीप सबसे बड़ा द्वीप है और इसके समीप सबसे बड़ा समुद्र तल है। इसे महिला द्वीप भी कहा जाता है, क्योंकि यहां का समाज मातृ सत्तात्मक प्रणाली पर संचालित है। लक्षद्वीपों के मात्र चार द्वीपों में भारतीयों का आना-जाना है।
Hindi Title
लक्षद्वीप की झीलें
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संदर्भ
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