एक प्रकार का समक्षेत्र प्रक्षेप, जिसमें क्षेत्रों की सापेक्ष आकृतियाँ सही-सही प्रकट हो जाती है, किंतु विषुवतीय क्षेत्रों के अलावा उत्तर-दक्षिण की आकृतियाँ फैल जाती हैं तथा मध्यवर्ती आकृतियों की तुलना में पूर्व-पश्चिम दिशाओं की संपीड़ित हो जाती है। समक्षेत्र प्रक्षेप होने के साथ-साथ यह दिगंशी प्रक्षेप (azimuthal projection) भी है। इसमें मानचित्र के केंद्र से सभी बिन्दुओं की सही चुम्बकीय दिशाएँ होती हैं। इस प्रक्षेप का सामान्य उपयोग एटलसों में गोलार्द्धों को प्रकट करने के लिए किया जाता है।
अन्य स्रोतों से
बाहरी कड़ियाँ
1 -
2 -
3 -
2 -
3 -
विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia)
वेबस्टर शब्दकोश ( Meaning With Webster's Online Dictionary )
हिन्दी में -
शब्द रोमन में
संदर्भ
1 -
2 -
2 -