लंबे समय तक रहने वाले रसायन पर्यावरण को कर रहे हैं दूषित

Submitted by Hindi on Thu, 12/23/2010 - 10:46
Source
अमर उजाला कॉम्पैक्ट, 23 दिसंबर 2010

प्रति घंटे मानव निर्मित रसायनों की मात्रा बढ़ रही है, जो कि सीधे तौर पर पर्यावरण तथा मनुष्यों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। यह बात एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक नए अध्ययन के बाद बताई है। प्रमुख शोधकर्ता रोल्फ हाल्डेन ने बताया कि विभिन्न कारखानों से प्रत्येक घंटे हानिकारक रसायन बाहर निकल रहे हैं और सीधे पर्यावरण में घुल जा रहे हैं। कारखानों से निकलने वाले ये रसायन लंबे समय तक अस्तित्व में रहते हैं, जो लगातार पर्यावरण तथा मनुष्यों का अपना शिकार बना रहे हैं।

हाल्डेन बताया कि यह समस्या सबसे अधिक अमेरिका में है। उन्होंने बताया कि अमेरिका में प्रत्येक वर्ष इन हानिकारक रसायनों की मात्रा ए मिलियन पौंड तक बढ़ रही है। अमेरिका में कारखानों में 4000 से भी अधिक रसायनों का प्रयोग किया जाता है, जो कि बहुत अधिक विषैले होते हैं। ये पारितंत्र को बुरी तरह प्रभातिव करते हैं। इन रसायनों की चपेट में आने से मनुष्य भी विभिन्न प्रकार की गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। इससे सबसे अधिक नुकसान उन कारखानों में काम करने वाले कर्मचारियों को है। हाल्डेन ने बताया कि कारखानों से बड़ी मात्रा में कचरे बाहर निकलते हैं। इनमें हानिकारक रसायन भी घुले रहते हैं। ये जाकर नदियों में मिल जाते हैं, जिससे नदी का पानी भी दूषित हो जाता है। इसके कारण शहर में जो पानी सप्लाई होते हैं, वो भी प्रदूषित होते हैं, नतीजतन गंभीर बीमारियां जन्म लेती हैं। लोगों को इसके प्रति जागरुक होना पड़ेगा।
 

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