लंदन

Submitted by Hindi on Tue, 08/23/2011 - 12:53
लंदन 1. नगर, स्थिति : 51030 उ.अ. तथा 0050 प.दे.। यह इंग्लैंड की राजधानी तथा कॉमनवेल्थ ऑव नेशन्स का मुख्य केंद्र है। यह संसार का सबसे बड़ा बंदरगाह तथा इंग्लैंड का सबसे बड़ा औद्योगिक नगर है। टेम्स नदी के दोनों किनारों पर, मुहाने से 34 मील ऊपर यह फैला हुआ है। इस विशाल नगर के अंतर्गत दो मुख्य नगर वेस्ट मिंस्टर तथा लंदन 'सिटी' और 28 बड़े बड़े बरो (Boroughs) सम्मिलित हैं। सम्मिलित क्षेत्र को लंदन 'कांउटी' कहते हैं। बृहत्तर लंदन आस पास की बस्तियों (suburbs) सहित 722 वर्ग मील की भूमि में फैला हुआ है, जिसके अंतर्गत 80 लाख से अधिक मनुष्य निवास करते हैं।

लंदन का सबसे प्राचीन भाग 'सिटी ऑव लंदन' है, जिसे केवल 'सिटी' नाम से भी जाना जाता है। रोमन शासनकाल में इसकी अधिक उन्नति हुई। रोमन सम्राट् हेड्रियन ने 120 ई. में नगर के चारों ओर दीवार खड़ी करवाई थी। उसी समय टेम्स पर एक पुल का भी निर्माण हुआ। रोमन शासनकाल के भग्नावशेष अब भी कहीं कहीं पर मिलते हैं। लंदन की एक अधिक व्यस्त सड़क 'लंदन वाल' रोमन काल का चिह्न है। रोमनों ने इस नगर की एक पहाड़ी पर 'वीनस' का एक मंदिर स्थापित किया था। आज उस स्थान पर सेंट पॉल कैथेड्रल है।

सिटी ऑव लंदन अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण सन्‌ 61 के पूर्व तक प्रसिद्ध व्यापारिक केंद्र बन चुका था। यह स्थल यूरोपीय महाद्वीप के सबसे निकट पड़ता है, जहाँ टेम्स के ज्वार मुहाने को सुगमतापूर्वक पार किया जा सकता था। लंदन के व्यापार की सबसे बड़ी विशेषता इस बात में है कि यह अन्य देशों से वस्तुएँ आयात करके फिर निर्यात करता है। उदाहरण के लिए, भारत की चाय पहले लंदन जाती है, फिर वहाँ से संयुक्त राज्य, अमरीका, तथा यूरोपीय देशों को भेजी जाती है। ग्रेट ब्रिटेन की दो तिहाई चाय, आधा चावल, कहवा, मांस, पेट्रोल, कागज, आधी से अधिक चीनी, तीन चौथाई रबर लंदन में ही पहुँचते हैं। संसार का एक चौथाई ऊन लंदन नगर से होकर अन्य नगरों को जाता है। इसी प्रकार अन्य देशों से रबर, हीरे, हाथीदाँत, सोना, टिन और ताँबा आदि इस नगर में आकर विभिन्न देशों तथा नगरों को वितरित, या विक्रय किए जाते हैं। शताब्दियों से इस प्रकार के व्यापार से लंदन में अपार धन राशि एकत्र हो गई। यह नगर संसार के लिए एक केंद्रीय बैंक के रूप में काम करता रहा, जिससे लंदन के बैंकों को कमीशन के रूप में बहुत धन की प्राप्ति होती थी। पर अब नगर का यह एकाधिकार समाप्त हो चुका है और इसकी प्रधानता को बहुत बड़ा धक्का लगा है। लंदन पोर्ट की गोदी में प्रति वर्ष 54,000 जहाज आते हैं और प्रति वर्ष आयात निर्यात 5 करोड़ 20 लाख तक पहुँचता है।

टेम्स नदी लंदन की जान है, जिसका ज्वार मुहाना समुद्रतट से लंदन ब्रिज तक 55 मील की लंबाई में एक चौड़े जलखंड़ के रूप में विस्तृत है। इस भाग को नाविक लोगों ने 'लंदन नदी' की संज्ञा दी है, परंतु नदी की महत्ता उसकी जलराशि के कारण नहीं बल्कि उसमें ज्वार आने के कारण है। लंदन ब्रिज पर नदी में ज्वार का पानी 21 फुट ऊँचा उठता है, जिससे बड़े बड़े जलयान नदी में दूर तक चले आते हैं। ज्वार आने से नदी में तलछट भी नहीं जमने पाता और उसकी गहराई बनी रहती है। लंदन बंदरगाह की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहाँ का बंदरगाह अधिक दूरी में विस्तृत हो गया है और इसपर अनेक गोदियाँ स्थापित हो गई हैं। टिलबरी गोदी मुख्यत: यात्रियों के गमनागमन के लिए विशेष सुविधा प्रदान करती है तथा यहाँ भारत का गेहूँ, नारियल, चालव, और आस्ट्रेलिया से मक्खन एवं फल आदि वस्तुओं का आयात होता है। रॉयल विक्टोरिया गोदी, अलबर्ट गोदी तथा जॉर्ज पंचम गोदी में मुख्यत: मांस, तंबाकू और चावल का आयात होता हे।

विश्व के सभी देशों से व्यापार संबंध होने के कारण लंदन में तथा उसके आस पास अपार संख्या में लोग बस गए। 19वीं शताब्दी में भी, जब संसार के बहुत से नगरों का उदय हुआ, लंदन आकार में सबसे बड़ा था।लंदन सिटी में जनसंख्या का लगातार ह्रास होता जा रहा है। इसका मूल कारण यह है कि 'सिटी' लंदन का मुख्य व्यापारिक तथा प्रशासकीय क्षेत्र है, जहाँ लोग केवल दिन में काम करने जाते हैं। केवल पहरेदार तथा संरक्षक वर्ग ही वहाँ रात में रहता है। परंतु 1921 ई. के पश्चात्‌ काउंटी में भी जनसंख्या में ह्रास प्रारंभ हो गया। इससे स्पष्ट है कि काउंटी में भी जनसंख्या अपनी चरम सीमा पर पहुँच चुकी है। अब जनसंख्या का विकास बाह्य लंदन में ही हो रहा है। इसका मूल कारण यह है कि लंदन, जो कभी औद्योगिक नगर था, द्वितीय महायुद्ध के बाद एक महान्‌ औद्योगिक केंद्र हो गया है और ये उद्योग धंधे अधिकतर बाह्य लंदन में ही स्थापित हुए हैं। यहाँ व्यापारी वर्ग, मजदूर वर्ग तथा शासक वर्ग के लोग रहते हैं।

नगर का मुख्य व्यापार सिटी तथा उसके आस पास के क्षेत्रों में केंद्रित है। यहीं पर नगर की वाणिज्य, व्यवसाय तथा आर्थिक संस्थाएँ केंद्रित हैं। इसी क्षेत्र में लंदन के करीब करीब सभी एक्सचेंज स्थापित हैं  कोलमन स्ट्रीट में ऊन एक्सचेंज, मार्कलेबन में अन्न (कार्न) एक्सचेंज आदि। इसी प्रकार बहुमूल्य पत्थरों तथा हीरे जवाहरातों के व्यापारी हाटेन गार्डेन में, धातु की दुकानें ह्विटिंगटन ऐवेन्यू में तथा तंबाकू के व्यापारी फ्रेंच चर्च स्ट्रीट में रहते हैं।

इन क्षेत्रों के निकट शिपिंग कंपनियों के मुख्य कार्यालय स्थापित हैं। रॉयल एक्सचेंज इसी क्षेत्र में पड़ता है। बैंक ऑव इंग्लैंड के मुख्यालय की विशाल इमारतें इसी क्षेत्र में स्थित हैं। इन इमारतों के ऊपर से सेंट पॉल्स कैथेड्रल का गुंबज दिखाई पड़ता है, जो यहाँ का मुख्य धार्मिक स्थल है और जिसमें भूतपूर्व बड़े बड़े लोगों की कब्रें हैं। इन क्षेत्रों की सड़कें काफी भीड़ भरी रहती हैं।

लंदन तथा उसके आस पास नए प्रकार के उद्योग धंधे स्थापित हैं। इनमें से मुख्य हैं, इंजीनियरिंग उद्योग, खाद्य पदार्थ, लकड़ी की वस्तुएँ, मुद्रालय, कपड़े की छपाई तथा रासायनिक उद्योग धंधे। यहाँ भारी से भारी वस्तुएँ, जैसे क्रेन, टेंक, बॉयलर से लेकर बिजली के हलके औजार, मोटरकार के हिस्से, घरेलू काम की वस्तुएँ आदि निर्मित की जाती हैं। कपड़े का काम पूर्वी तथा पश्चिमी सीमांत क्षेत्रों में किया जाता है। कपड़े के अतिरिक्त हैट तथा टोपी बनाने, जूते तैयार करने तथा फ़र के सामान तैयार करने का काम भी इन क्षेत्रों में होता है।

वस्त्र उद्योग की भाँति लकड़ी की वस्तुओं का उद्योग भी लंदन की बड़ी बड़ी दुकानों से संबंधित है। रासायनिक उद्योग भी बढ़ रहे हैं और वे अधिकतर बाहरी क्षेत्रों में स्थापित हैं। परंतु तैलशोधन, गैस आदि के उद्योग नदी के किनारे पर स्थापित है, क्योंकि वे आयात की वस्तुओं पर अवलंबित हैं।

यहाँ के मकान जर्जर तथा अस्वास्थ्यप्रद हो गए हैं, भूमि का मूल्य अधिक बढ़ गया है तथा सड़कें एवं गलियाँ सदैव भीड़ से भरी रहती है। नगर के पूर्वी भाग बहुत घने आबाद हैं, जिनमें मजदूरों की संख्या अधिक है। यहाँ की गंदी, पतली तथा बदवू करनेवाली सड़कों पर फटे पुराने वस्त्र पहने हुए बच्चों को देखकर यहाँ की दुर्दशा पर दु:ख होता है। परंतु इस गरीबी में कुछ जीवन तथा प्रसन्नता भी लक्षित होती है। प्रति शनिवार को लगनेवाले बाजारों में पुरानी वस्तुओं की दुकाने ठेलों पर बिकनेवाले अनेक फल तथा तरकारियों से और सिनेमा, थियेटरों तथा संगीत एवं नृत्यघरों में भीड़ भाड़ से ज्ञात होता है कि वे अपनी गरीबी में भी संतुष्ट हैं। ध्यान देने की बात है कि इन क्षेत्रों में चीनी, हबशी, यहूदी, इतालवी आदि लोगों ने अपनी बस्तियाँ स्थापित कर ली हैं, जिनका जीवनस्तर अपेक्षाकृत निम्न कोटि का है।

वेस्टमिन्स्टर- यहाँ शासन संबंधी कार्यों में रत लोगों तथा अन्य प्रकार के बुद्धिजीवी लोगों की संख्या बहुत अधिक है। ये लोग लंदन के पश्चिमी भाग में रहते हैं, जिसे सिटी ऑव वेस्टमिन्स्टर नाम से जाना जाता है। यह राजनीतिक केंद्र हैं। ट्रैफैलगर स्क्वायर से ह्वाइट ऑल स्ट्रीट होते हुए वेस्टमिन्स्टर ऐबे, पार्लियामेंट भवन आदि तक पहुँचते हैं। यहीं पर सभी सरकारी कार्यालय स्थापित हैं। नं. 10. डाउनिंग स्ट्रीट भी यहीं पर है। यहाँ ब्रिटिश प्रधान मंत्री सदैव से रहते आए हैं। निकट में राजप्रासाद, बकिंघैम पैलेस, हैं।

लंदन की अखबारी दुनिया फ्लीट स्ट्रीट के दोनों ओर केंद्रित हैं। फ्लीट स्ट्रीट के दक्षिण स्ट्रैड की सड़क मिलती हैं, जिसपर बड़े बड़े वर्तमान ढंग के कार्यालय तथा होटल स्थापित हैं। स्ट्रैड के दक्षिण ट्रैफैलगर स्क्वायर है, जो लॉर्ड नेल्सन की विजय के उपलक्ष में 1805 ई. में निर्मित हुआ। निकट में ही नैशनल गैलरी स्थापित है। ट्रैफैलगर स्क्वयर से थोड़ी ही दूर पर कई शानदार सड़कें एक गोलाकार क्षेत्र में मिलती हैं, जिसे पिकैडली सर्कस कहते हैं। यह लंदन का अत्यत व्यस्त भाग है। पिकैडली का अंत हाइड पार्क में होता है, जो लंदन का मुख्य खुला भाग है। औक्सफर्ड स्ट्रीट के पीछे ब्रिटिश संग्रहालय तथा लंदन यूनिवर्सिटी स्थापित है। थोड़ी दूर पर कला तथा विज्ञान की लंदन की अपूर्व संपत्ति, प्राकृतिक ऐतिहासिक संग्रहालय, स्थित है। रॉयल जियोग्रैफिक सोसाइटी का कार्यालय, जिसमें ब्रिटिश साम्राज्य के विकास का इतिहास निहित है, इसी हिस्से में पड़ता है।

यातायात- लंदन ऐसे विशाल नगर में यातायात की समस्या बड़ी जटिल है। अत: धरातल के ऊपर के सभी साधनों, जैसे मोटर बस, ट्राली बस, रेल आदि के साथ साथ भूमि के भीतर सुरंग रेलों का भी उपयोग होता है। प्रतिदिन 1 करोड़ 80 लाख यात्री यातायात के विभिन्न साधनों से यात्रा करते हैं। करीब नौ लाख यात्री चेरिंग क्रॉस रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन चढ़ते उतरते हैं। मध्य भाग में भीड़ के समय प्रति 90 सेकंड पर रेलें दौड़ती है। नगर के अंतर्गत केवल यात्रियों के चढ़ने उतरने के लिए 27 रेलवे स्टेशन हैं।

लंदन बहुत विस्तृत नगर है और उसमें बाग बगीचों तथा खुले स्थानों का भी प्रचुर मात्रा में आयोजन किया गया है। सन्‌ 1948 ई. में नगर में कुल 107 पार्क तथा खुले स्थान थे। लंदन के बाहरी भागों में रॉयल बोटैनिकल गार्डेन, अजायबघर, चिड़ियाघर तथा हवाई अड्डा हैं।

पुल तथा सुरंगें- टेम्स नदी को लंदन नगर की सीमा के अंतर्गत 19 स्थानों पर पार किया जाता है। इनमें से 14 सड़क के पुल, एक पैदल यात्रियों के चलने के लिए पुल तथा चार सुरंगे हैं, जिनमें से मोटर गाड़ियाँ तथा पैदल चलनेवाले लोग आते जाते हैं।

2. नगर, कैनाडा में टेम्स नदी के उत्तरी तथा दक्षिणी शाखाओं के संगम पर, नियाग्रा प्रपात तथा विंडसर के बीच, ईरी झील से 23 मील उत्तर, कैनेडियन नैशनल रेलवे पर स्थित एक नगर है। यह कैनाडा का छठा औद्योगिक केंद्र है। यहाँ बननेवाली वस्तुओं में खाद्य पदार्थ, तैयार कपड़े, स्टोव, फर्नीचर, कागज, जूते, खेती के औजार, रेडियो और शराब आदि मुख्य हैं। यहाँ पर पश्चिमी ऑण्टेरियो विश्वविद्यालय स्थापित है। (उजागर सिंह)

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संदर्भ
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बाहरी कड़ियाँ
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