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स्टार न्यूज, 17 जून 2011
शहरों से सीवेज का पानी गंगा में छोड़ा जा रहा है जिससे गंगा में प्रदूषण हो रहा है और उसका पानी पीने लायक भी नहीं बचा है। दो और पैमानों पर गंगा का पानी फेल हुए है और वो हैं टर्बिडिटी आम शब्दों में कहें तो पानी में धुंधलापन। गंगाजल में ये कमजोरी गंगोत्री में सबसे ज्यादा दिखाई दी है लेकिन बाकी जगहों पर भी ये तय मात्रा से कहीं ज्यादा है जिससे गंगा मैली हो गई हैं।