समूचे छत्तीसगढ़ क्षेत्र एवं उड़ीसा प्रदेश की अधिकांश भूमि को सिंचित करने वाली महानदी दोनों प्रांतों की सांस्कृतिक परम्परा का गठबंधन भी करती है। उड़ीसा का पौराणिक नगर सोनपुर भी इसी नदी के तट पर बसा है। छत्तीसगढ़ और उड़ीसा का सीमांकन करने वाली महानदी के तट पर बसे ग्रामों में सांस्कृतिक सभ्यता स्पष्ट देखी जा सकती है तभी तो उड़िया संस्कृति का प्रभाव छत्तीसगढ़ी क्षेत्र में परिलक्षित होता है। महानदी के तट पर राजिम, सिरपुर, खरौद शिवरी नारायण, चन्द्रपुर, पुजारीपाली, सम्बलपुर और सोनपुर के अतिरिक्त आरंग, सराय पाली, बसना, सांरगढ़, बालुपुर और हसबा इत्यादि नगरों में सांस्कृतिक सभ्यता दर्शनीय है। चाहे “मड़ई” मेला हो या रथयात्रा जो उड़ीसा के जगन्नाथपुरी का एक प्रमुख पर्व है, छत्तीसगढ़ में उड़ीसा के ‘उखरा’ का प्रतिरूप है। अमरकंटक जो नर्मदा नदी का उद्गम स्थल है, मैकाल पहाड़ियों के अंतर्गत आता है। यह सिहावा तक फैलकर बैन गंगा को पार कर जाती है। दक्षिण कौसल की सीमाएं उत्तर में गंगा, दक्षिण में गोदावरी, पश्चिम में उज्जैन और पूर्व में पूर्वी समुद्र तटपाली (उड़ीसा) है। महानदी 418 किलोमीटर की लम्बी यात्रा करते हुए बंगाल की खाड़ी में समाहित हो जाती है। सिलीगुड़ी (दार्जिलिंग) में भी महानदी नामक नदी है।
Hindi Title
महानदी
अन्य स्रोतों से
संदर्भ
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