मॉन्ट्रियल समझौता-सर्वाधिक सफल अन्तर्राष्ट्रीय पर्यावरण समझौता

Submitted by admin on Sun, 07/31/2011 - 11:58
ओजोन परत को ह्रास पहुंचाने वाले पदार्थों पर मॉन्ट्रियल समझौता, ओजोन के क्षरण के लिए जिम्मेदार समझे जाने वाले पदार्थों के उत्पादन को धीरे-धीरे समाप्त कर ओजोन परत के संरक्षण का अन्तर्राष्ट्रीय समझौता है। समझौते पर विभिन्न देशों द्वारा हस्ताक्षर करना 16 सितम्बर, 1987 से शुरू हुआ था और 1 जनवरी 1989 से यह लागू हो गया। उसके बाद से इसमें पाँच संशोधन 1990 (लन्दन), 1992 (कोपनहेगन), 1995 (वियना), 1997 (मॉन्ट्रियल) और 1999 (बीजिंग) में हुए हैं। इसकी व्यापक स्वीकार्यता और कार्यान्वयन को देखते हुए इसे असाधारण अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग का एक उत्तम उदाहरण के रूप में सराहा गया है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव कोफी अन्नान ने तो इसे अब तक का संभवत: सबसे सफल अन्तर्राष्ट्रीय समझौता करार दिया है।

शर्तें और उद्देश्य


यह समझौता उन हैलोजन युक्त हाइड्रोकार्बनों के समूहों के इर्द-गिर्द बनाया गया है, जिनमें ओजोन के क्षरण के गुण पाय गये हैं। प्रत्येक समूह के लिए समझौते में एक समय सारिणी निर्धारित की गयी है, जिसके अनुसार उन पदार्थों के उत्पादन को धीरे-धीरे समाप्त कर अंतत: बिल्कुल बंद करना होगा।

समझौते का घोषित उद्देश्य यह है कि हस्ताक्षर करने वाले देश यह मानते हुए कि कतिपय पदार्थों का विश्व व्यापी उत्पादन ओजोन परत को पर्याप्त हानि पहुंचाता है या उसे इस ढंग से संशोधित करता है कि मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, ... ओजोन परत का क्षरण करने वाले इन पदार्थों के विश्व व्यापी उत्सर्जन को समान रूप से नियंत्रित करने वाले एहतियाती उपाय उठाने के लिए दृढ प्रतिज्ञ हैं। इसका अंतिम लक्ष्य वैज्ञानिक मेधा के विकास के आधार पर इन पदार्थों को मिटाना है .... यह स्वीकार करते हुए कि विकासशील देशों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विशेष प्रावधानों की आवश्यकता है...।

सीएफसी (क्लोरोफ्लोरो कार्बन) के उपयोग और उत्पादन को सीमित करने वाले चरणबध्द उपायों की श्रृंखला को स्वीकार करेंगे। इसमें निम्नलिखित कथ्य को भी शामिल किया गया है।

समझौते में समूह-

एक क में परिभाषित नियंत्रित पदार्थों का उपयोग और उत्पादन 1991 से 1992 के दौरान 1986 में गणना किए गए इन्हीं पदार्थों के उपभोग और उत्पादन से 150 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा, 1994 से आगे उन्हीं पदार्थों का वार्षिक उपभोग और उत्पादन 1986 के अंकित स्तर से 25 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। 1996 से इन नियंत्रित पदार्थों के उपयोग और उत्पादन का आंका गया स्तर शून्य से आगे नहीं जायेगा।

कुछ पदार्थों (हैलोन 1211, 1301, 2402, सीएफसी 13, 111, 112 आदि) के समापन का चरण धीरे-धीरे तय किया गया है (2010 तक शून्य) और कुछ रसायनों पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान दिया गया है (कार्बन टेट्राक्लोराइड, 1 ,1,1-ट्राइक्लोरोईथेन)। अल्प रूप से सक्रिय एचसीएफसी को चरणबध्द तरीके से समाप्त करने की क्रिया 1996 में शुरू हुई थी और तब तक लगातार जारी रहेगी जब तक, 2030 में यह पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाता। जिन पदार्थों का स्वीकार्य विकल्प अभी तक नहीं मिल पाया है, उनके जैसे आवश्यक उपयोग वाले पदार्थों के कुछ अपवाद भी हैं (उदाहरणार्थ अस्थमा और अन्य श्वास सबंधी समस्याओं के उपचार में आम तौर पर इस्तेमाल होनेवाले मीटर्ड डोज (नपी हुई खुराक वाले )।

समूह 1 क के पदार्थों के नाम हैं : सीएफसी 13 (सीएफसी-11), सीएफ2सी 12 (सीएफसी-12), सी 2 एफ 3 सी 13 (सीएफसी-113), सी 2 एफ 4 सी 12 (सीएफसी-114), और सी 2 एफ 5 सी1 (सीएफसी-115)।

वैज्ञानिक पृष्ठभूमि


1973 में कैलीफोर्निया अरवाइन विश्वविद्यालय के रसायनज्ञ फ्रैक शेरवुड रोलैंड और मारिया मोलिना ने पृथ्वी के वातावरण में सीएफसीज के प्रभावों का अध्ययन शुरू किया। उन्होंने पता लगाया कि सीएफसी अब इतने टिकाऊ हैं कि वे जब तक स्ट्रेटोफेयर (समतापमंडल) के मध्य में चले नहीं जाते जहां वे अंतत: (दो उभय सीएफसीज के लिए औसतन 50-100 वर्षों के बाद) क्लोरीन परमाणु को छोड़ने वाले पराबैंगनी विकिरण से विखंडित नहीं हो जाते, वातावण में बने रहेंगे। रोलैंड और मोलिना ने तब प्रस्तावना दी कि संभव है कि क्लोरीन के यही परमाणु समतापमंडल में ढेर सारे ओजोन (ओ 3) का विखंडन करते हों।

इस खोज का पर्यावरणीय महत्व यह रहा कि चूंकि समतापमंडलीय ओजोन ग्रह की सतह तक पहुंचने वाले अधिकाशं परावैगनी-बी विकिरण को सोख लेता है, सीएफसीज द्वारा ओजोन परत का क्षरण सतह पर यूवी-बी विकिरण को बढा देगा। इसके परिणामस्वरूप त्वचा कैंसर तथा फसलों को नुकसान और समुद्री फाइटोंप्लांकटन जैसे अन्य प्रभावों में वृध्दि होगी।

Hindi Title


विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia)




अन्य स्रोतों से




संदर्भ

1 - https://groups.google.com/group/hindi-vikas/

2 -

                   

बाहरी कड़ियाँ
1 -
2 -
3 -