कायांतरणः
वह प्रक्रम जिसके द्वारा संपिंडित शैलों का संघटन, गठन या उनकी आंतरिक संरचना परिवर्तित हो जाती है। ये परिवर्तन केवल मात्र शैलों के नीचे दबे होने के कारण उरिभार से प्रतिफलित परिस्थितियों या बलों से नहीं होते बल्कि दाब, ताप तथा नए रासायनिक पदार्थों के समावेश इसके मुख्य कारण होते हैं। इस प्रकार के परिवर्तन में सामान्यतः अपक्षयण का कोई हाथ नहीं होता।