आकाश से गुजरने वाली कठोर पदार्थ की वह संहति, जो वायुमंडल के साथ घर्षण द्वारा गर्म हो जाने पर तापदीप्त तथा दृष्टि गोचर होने लगती है। इसका लोकप्रिय नाम उल्का है। यह आमतौर पर 145 कि.मी. की ऊँचाई पर चमकती है।
- अंतरिक्ष में गतिशील पदार्थ का वह पिंड, जो उस समय दीप्त होकर दृष्टिगोचर होता है जब वह वायु-मंडल के साथ घर्षण से गर्म हो जाता है। यह साधारण रूप से 115 किलोमीटर से 145 किलोमीटर के बीच की ऊँचाई पर चमकता है और 20 किलोमीटर की ऊँचाई पर विलुप्त हो जाता है। यदि यह पूर्ण रूप से समाप्त नहीं होता तो पृथ्वी पर उल्का पिंड के रूप में गिरता है।
- अंतरिक्ष में गतिशील पदार्थ का वह पिंड, जो उस समय दीप्त होकर दृष्टिगोचर होता है जब वह वायु-मंडल के साथ घर्षण से गर्म हो जाता है। यह साधारण रूप से 115 किलोमीटर से 145 किलोमीटर के बीच की ऊँचाई पर चमकता है और 20 किलोमीटर की ऊँचाई पर विलुप्त हो जाता है। यदि यह पूर्ण रूप से समाप्त नहीं होता तो पृथ्वी पर उल्का पिंड के रूप में गिरता है।
अन्य स्रोतों से
बाहरी कड़ियाँ
1 -
2 -
3 -
2 -
3 -
विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia)
वेबस्टर शब्दकोश ( Meaning With Webster's Online Dictionary )
हिन्दी में -
शब्द रोमन में
संदर्भ
1 -
2 -
2 -