पश्चिमी बंगाल में हरे-भरे वनों से आच्छादित दार्जिलिंग की मिरिक झील में नौकायन का आनन्द अंतरमन को झंकृत कर देता है। दार्जिलिंग से मात्र 43 किलोमीटर की दूरी पर 1.25 किलोमीटर क्षेत्र में फैली मिरिक झील पर्यटकों को आकर्षित करके नैनीताल की बरबस याद दिला देती है। समुद्र तल से 1,767 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह झील नयनाभिराम पहाड़ियों और प्राकृतिक सौंदर्य से भरी-पूरी है। पर्यटन परियोजना की मुख्य इकाई मिरिक के लिए सिलीगुड़ी सड़क मार्ग से भी पहुंचा जा सकता है। अधिकतम 26 फुट गहरी और न्यूनतम तीन फुट तक गहरी इस झील का दायरा लगभग साढ़े तीन किलोमीटर में है, जिसकी दूरी पर बोध असीम प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पता नहीं चलता। झील के छोरों के आर-पार जाने के लिए अस्सी फुट का एक मेहराबनुमा पुल भी खूब बनाया गया है जिस पर गुजरते हुए मिरिक झील का नजारा और भी लुभावना लगता है। डे-सेंटर नामक एक रेस्तरां जिसे पर्यटन विभाग चलाता है, भी सुंदर स्थल पर बना हुआ है। इस रेस्तरां से नौका-विहार के लिए नावों के टिकट वितरित होते हैं। झील के स्वच्छ पानी में किल्लोल करती विभिन्न किस्म की मछलियां देखकर विहार करने वालों का आनंद द्विगुणित हो जाता है। सुखद आश्चर्य है कि इस झील में मछली पकड़ते और कचरा फेंकते कोई भी व्यक्ति नहीं देखा जा सकता। झील के आसपास डाकबंगला, निरीक्षण भवन, होटल, रेस्तरां सभी कुछ उपलब्ध हैं। उत्तरी बंगाल की मिरिक झील भारत की एक मनोहारी झील है।
Hindi Title
मिरिक झील
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संदर्भ
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