नाइजर

Submitted by Hindi on Thu, 08/18/2011 - 10:23
नाइजर (Niger) 1. अफ्रीका की तीसरी सबसे बड़ी पर भौमिकी दृष्टिकोण से सर्वाधिक दिलचस्प नदी है। यह फ्रेंच गिआना में समुद्र से केवल 175 मील दूर पहाड़ी क्षेत्र से निकलकर समुद्र से विमुख होकर दक्षिणी सहारा मरुस्थल में 2,600 मील बहने के पश्चात्‌ दक्षिण की ओर मुड़कर गिआना की खाड़ी में गिरती है। इसकी पुरानी धारा के चिह्‌न मरुस्थल में बहुत दूर उत्तर तक मिलते हैं। नदी का निचला भाग, जिसका नाम क्वोरा (Quorra) था, मध्य सहारा में स्थित आहेगर (Ahaggar) पर्वत से निकलकर दक्षिण की ओर बहती थी। फ्रांसीसी वैज्ञानिकों के अनुसार बाद में मरुस्थल के विस्तार से ये दोनों धाराएँ वालुकाभित्ति की गहरी घाटी काटकर एक नदी बन गईं। नाइजर की सबसे महत्वपूर्ण सहायक नदी बेन्वे (Benve), इसके मुहाने से 250 मील ऊपर मिलती है। समुद्र में मिलने से पहले नाइजर कई धाराओं में बँटकर 1,400 वर्ग मील क्षेत्र में डेल्टा बनाती है। सबसे चौड़ी धारा नून है, पर जहाज सबसे गहरी धारा फोरकेडोस में चलते हैं। डेल्टा में, जो समुद्र के किनारे 120 मील लंबा है, धान, ईख तथा कपास की अच्छी उपज होती है। नाइजर में 5,84,000 वर्ग मील क्षेत्र का जल आता है। यद्यपि इसकी धारा में अनगिनत चट्टानें तथा झरने पड़ते हैं, तथापि इसका मध्य भाग छोटी नौकाओं के परिवहन का काम देता है।

इस नदी में मछलियाँ, मगर तथा दरियाई घोड़े अधिक मिलते हैं। निकटवर्ती जंगलों में शिकारी जानवर तथा मूल्यवान लकड़ियाँ मिलती हैं।

1. राष्ट्र, स्थिति : उ.अ. तथा पू.दे.। यह पश्चिमी अफ्रीका में स्वतंत्र राष्ट्र है। इसका क्षेत्रफल 58,875 वर्ग मील है। आबादी दक्षिण एवं दक्षिण-पश्चिम में नाइजर नदी के किनारे केंद्रित है। यहाँ निग्रोप्रजाति के लोग अधिक हैं। इसका उत्तरी भाग अधिकांश रेगिस्तान है परंतु मध्य तथा दक्षिण भाग जंगलों से भरे हैं। पालतू जानवर प्रधान आर्थिक साधन हैं। पशुओं तथा उनके चमड़े का निर्यात होता है। यहाँ ज्वार, धान, जौ, गेहूँ एवं मक्का भी पैदा होते हैं। सोडियम फास्फेट, नमक, टीन तथा टंग्स्टन यहाँ के प्रमुख खनिज हैं। यहाँ का जलवायु शुष्क तथा गरम है। यह देश उद्योग तथा शिक्षा में पिछड़ा हुआ है। मदामा, एगेडेम, जिंडर, मराडी, अजीबा प्रमुख नगर हैं। न्यामे यहाँ की राजधानी है। इसके पूर्व में चैड झील है। न्यामे में प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है।

निवासी - यहाँ के निवासियों में श्वेतांगों की अपेक्षा अश्वेतों की संख्या अधिक (लगभग 75ऽ ) है। अश्वेतों का पेशा कृषि और मछली पकड़ना आदि है। ये लोग नाइजर नदी के आसपास बसे हुए हैं। तूबू और फुलानी आदि श्वेत जातियाँ घुमक्कड़ हैं। नीग्रो जातियों में हाउस (Hausa) बहुसंख्यक हैं।

जातीय भेदों के कारण नाइजर में अनेक भाषाएँ प्रचलित हैं। फ्रांसीसी राजभाषा है। हाउसा का प्रयोग व्यापार क्षेत्र में होता है। अरबों और तुआरेगो (Tuaregs) की भाषाएँ भी खूब प्रचलित हैं। अधिकतर भाषाएँ चाड समूह (Chad group) की हैं।

इस्लाम धर्म के माननेवाले अधिक हैं। कुछ जड़जीववादी और ईसाई भी हैं।

इतिहास - यहाँ का प्राचीन इतिहास केवल युद्ध और अशांति का इतिहास है। उस समय यहाँ उत्तर और उत्तरपूर्व में सदैव अरबयहूदियों (Semitics) और मिस्त्रियों (Hamitics) के आक्रमण होते रहते थे। उत्तरी अफ्रीका के श्वेत लोगों ने 10वीं शताब्दी में चाड झील के निकट रहनेवालों से स्थायी संबंध स्थापित कर लिए थे, उसी समय बरबरों ने वर्तमान नाइजर क्षेत्र पर अपना अधिकार करके हाउसा (Hausa) राज्य की स्थापना की। मिस्त्री (हेमिटिक) लोग भी मिस्त्र और इथियोपिया से प्रभावशाली संख्या में आ गए थे। श्वेत अफ्रीकियों ने पहले इस प्रदेश का उपयोग नमक, दास और स्वर्ण के व्यापार के लिए ही किया, किंतु कालांतर में उन्होंने यहाँ अपने उपनिवेश स्थापित कर लिए। 11वीं और 12वीं शताब्दियों में अरबों ने उत्तरी अफ्रीका पर विजय प्राप्त की। पराजित बरबरों ने विजेताओं की सत्ता के साथ साथ अरबी भाषा और इस्लाम धर्म को भी स्वीकार कर लिया। अरबों ने अपना विस्तार दक्षिण की ओर किया, धर्मयुद्धों में जीतकर सूडान में कई राज्य स्थापित किए। उन राज्यों में माली (Mali), घाना (Ghana) और गाओ (Gao) पश्चिम में थे। हाउसालैड (Hausaland) और बोर्नू (Bornu) राज्य उस स्थान पर थे जहाँ आज नाइजर गणराज्य है। लगभग 1515 में आस्किया मुहम्मद प्रथम (Askia Mohammad I) के नेतृत्व में गाओ की सेना ने हाउसा राज्यों का दमन किया।

19वीं शताब्दी में इस प्रदेश का पता यूरोपियों ने लगाया। 1882 में मेजर डिक्सन डिनहेम और लेफ्टीनेंट क्लैपर्टन नामक दो अंग्रेज नाइजर नदी के अंचलों की खोज करने पहुँचे। इसी शताब्दी के अंत में फ्रांसीसी सेनाएँ नाइजर नदी की ओर बढ़ीं और 1900 तक चाड झील के आसपास बहुत से क्षेत्र पर अपना अधिकार कर लिया। 1922 में फ्रांसीसियों ने नाइजर को अपना उपनिवेश बना लिया। द्वितीय विश्वयुद्ध में नाइजर अछूता रहा। इसके पूर्व यहाँ सीमा निर्धारण आदि की समस्याएँ थीं। युद्ध के पश्चात्‌ यहाँ राष्ट्रीय चेतना जागृत हुई, और अनेक राजनीतिक दल संगठित हुए। 19 दिसंबर 1958 को फ्रांस समुदाय में ही यह स्वशासित राज्य मान्य हुआ। 25 फरवरी 1959 को नाइजर गणराज्य का संविधान स्वीकृत होने के बाद कांस्टीट्यूएंट असेंबली का नाम लेजिस्लेटिव असेंबली कर दिया गया। 3 अगस्त 1960 को नाइजर गणराज्य स्वतंत्र हो गया। स्वतंत्रता के पश्चात्‌ राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए सरकार ने त्रिवर्षीय योजना द्वारा व्यापक उन्नति का कार्यक्रम स्वीकार किया। देश के उत्तरी भागों में पशुपालन और दक्षिण में, जहाँ नीग्रो रहते हैं, कृषि मुख्य व्यवसाय है। (जगदीश सिंह)

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संदर्भ
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