नैनीताल

Submitted by Hindi on Fri, 08/19/2011 - 10:45
नैनीताल 1. जिला, स्थिति : 28रू 51फ़ से 29रू 37फ़ उ.अ. तथा 78रू 43फ़ से 80रू 5फ़ पू.दे.। यह उत्तर प्रदेश के उत्तरी पर्वतीय क्षेत्र में कुमायूँ मंडल में प्रसिद्ध पहाड़ी जिला है। इसका क्षेत्रफल 2,635 वर्ग मील तथा जनसंख्या 5,74,320 (1961) थी। इसके उत्तर में केंद्रीय शिवालिक पर्वतीय श्रेणियाँ हैं तथा पूर्व में नेपाल की सीमा से शारदा नदी इसे अलग करती है। दक्षिण में भाभर क्षेत्र है जिसमें घने जंगल हैं। भाभर क्षेत्र के आगे तराई है, जहाँ की जलवायु अस्वास्थ्यकर है। यहाँ तिलहन, धान, गेहूँ, चना, ज्वार, बाजरा, जौ तथा गन्ने की खेती की जाती है। गन्ने के उत्पादन में इस जिले का स्थान प्रमुख है। इस जिले के मुख्य नगर नैनीताल, काशीपुर और हलद्वानी हैं।

2. नगर, स्थिति : 29रू 23फ़ उ.ट. तथा 69रू 30फ़ पू.दे.। यह नगर मंडल तथा जिले का मुख्यालय है। यह सैनिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। छावनी क्षेत्र को मिलाकर यहाँ की जनसंख्या 16,080 (1961) थी। यह नग 6,400फ़ की उँचाई पर बसा है। इस नगर को 1841 ई. में बसाय गया था। अँगरेजी शासनकाल में यहाँ उत्तर प्रदेश सरकार की ग्रीष्मकालीन राजधानी रहती थी। यहाँ सेंट जौसेफ कालेज हैं। यहाँ पर एक 4,703फ़ लंबी और 1,518फ़ चौड़ी आयताकार सुंदर नैनीताल झील है। इसी ताल के नाम पर इस नगर का भी नाम पड़ा है। इसके ताल के नाम पर इस नगर का भी नाम पड़ा है। इसके दक्षिणी भाग में गंधक युक्त जल के सेते मिलते हैं। एक मील उत्तर-पश्चिम में जिले का सबसे उच्च स्थान चायना चोटी (8565फ़ ) है जिसका नाम जवाहर चोटी रखा गया है यहाँ लोग सूर्यादय एवं सूर्यास्त के दृश्य देखने आते हैं। सन्‌ 1890 में पूना में जो 'इंपीरियल वेटेरिनरी रिसर्च इंस्टिट्यूट' स्थापित की गई थी उसे तीन वर्ष बाद नैनीताल से 13 मील उत्तर-पश्चिम में मुक्तेश्वर नामक स्थान पर स्थापित किया गया। ग्रीष्मकाल में ऋतु परिवत्रन और स्वास्थ्यलाभ के लिए धनी लोग यहाँ निवास करने आया करते हैं, जिससे नगर में ग्रीष्म ऋतु में बड़ी चहल पहल रहती है। (कृष्णमोहन गुप्त)

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संदर्भ
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बाहरी कड़ियाँ
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