नेतृत्व मिला मगर टिकने नहीं दिया गया

Submitted by Hindi on Fri, 12/02/2011 - 14:32
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डॉ. दिनेश मिश्र
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डॉ. दिनेश मिश्र
देवचन्द्र चौधरीदेवचन्द्र चौधरीमधवापुर प्रखंड के बासुकी बिहारी गाँव के युगेश्वर झा यहाँ के विधायक थे और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता होने के साथ-साथ मुजफ्फरपुर के लंगट सिंह कॉलेज में भौतिक विज्ञान के प्राध्यापक भी थे। वे परिस्थितियों से कभी भी समझौता न करने वाले कर्मठ समाजकर्मी थे और उनके प्रखर विरोधी भी उनकी लगन, मेहनत और ईमानदारी की दाद देते थे। युगेश्वर झा ने पछुआरी टोले वालों की तरफ से रिंग बांध के विरोध का नेतृत्व संभाला और एक आन्दोलन खड़ा कर दिया। पछुआरी टोल के देवचन्द्र चौधरी बताते हैं, ‘‘...ब्रह्मचारी जी को इस बात की खबर लगी कि युगेश्वर झा बांध के निर्माण में टांग अड़ा रहे हैं और उनके ऊपर डॉ. जगन्नाथ मिश्र का हाथ है। उनका इन्दिरा गाँधी को सुझाव था कि सारी समस्या की जड़ युगेश्वर झा हैं और उनको यहाँ से हटा दिया जाए तो समस्या का समाधान हो जायेगा और रिंग बांध का निर्माण निर्विघ्न रूप से पूरा हो जायेगा। तब युगेश्वर झा को जिला बदर कर दिया गया और आन्दोलन नेतृत्व विहीन हो गया। जब चानपुरा का रिंग बांध बनने लगा तो हम लोगों ने उसका विरोध किया। मेरी उम्र उस समय सिर्फ 15-16 साल रही होगी। ठेकेदार के आदमियों से मेरा झगड़ा हो गया और मैंने उनका फीता काट दिया। नौबत पहले झगड़ा-झंझट और बाद में मार-पीट तक पहुँची। उसने रिपोर्ट लिखायी और पुलिस मुझे पकड़ कर ले गयी और जेल में बन्द कर दिया। मुझे जेल से छुड़ाने के क्रम में गाँव के लोग गोलबन्द हो गए और वहीं से रिंग बांध का सामूहिक विरोध शुरू हुआ।’’

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बागमती की सद्गति