निराई-गुड़ाई सम्बन्धी

Submitted by Hindi on Tue, 03/23/2010 - 13:43
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घाघ और भड्डरी

ऊख गोड़िके तुरत दबावै।
तो फिर ऊख बहुत सुख पावै।।


भावार्थ- किसान को ईख गोड़ कर तुरन्त दबा देना चाहिए। ईख को बहुत सुख मिलता है अर्थात् पैदावार अच्छी होती है।