नॉर्वे

Submitted by Hindi on Thu, 08/18/2011 - 11:38
नॉर्वे स्थिति : 5757से 71011उ.अ. तथा 4030से 31010पू.दे.। यह यूरोप महाद्वीप में उत्तर-पश्चिमी छोर पर स्थित देश है। नॉर्वे का क्षेत्रफल 1,24,710 वर्ग मील तथा जनसंख्या 36,55,000 (1963) है। इसके अंतर्गत स्पिट्सबर्गेन को संमिलित कर लेने पर इसका क्षेत्रफल 1,54,400 वर्ग मील हो जाता है। यहाँ की जनसंख्या का घनत्व 29.3 व्यक्ति प्रति वर्ग मील है। इसकी तटरेखा की लंबाई 12,500 मील है, जो पृथ्वी की परिधि की आधी है। इसके उत्तर में आर्कटिक सागर, पूर्व में स्वीडन, उत्तर-पूर्व में फिनलैंड और रूस, दक्षिण में उत्तरी सागर, पूर्व में स्वीडन, उत्तर-पूर्व में फिनलैंड और रूस, दक्षिण में उत्तरी सागर और पश्चिम में नार्वीजियन सागर हैं। इसके अन्य अधीनस्थ क्षेत्र यान माइएन (Jan Mayen) द्वीप, बेयर (Bear), द्वीप, बूवे (Bouvet) पेटर प्रथम द्वीप तथा क्वीन मॉड लैंड हैं।

इसे ''अर्ध रात्रि के सूर्य की भूमि'' भी कहा जाता है, क्योंकि इसके उत्तरी भाग में गर्मियों के दो महीनों तक सूर्य के गोले का कुछ भाग लगातार क्षितिजरेखा के ऊपर रहता है, यहाँ तक कि दक्षिण में भी गोधूलि की ही अवस्था रहती है। इसके विपरीत जाड़ों में दो महीने तक सूर्यादेय होता ही नहीं।

पूरा देश प्राचीन पठार है, जिसकी रीढ़ सीमा के निकट है। इसके नीचे की आर्कियन युग की चट्टानें दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में अनावृत हो गई हैं। इनमें प्रमुखत/ नाइस, अभ्रक, और स्लेट तथा गौणत: ग्रेनाइट और ज्वालामुखीय चट्टानें मिलती हैं। शेष पठार प्राचीन पेलियोज़ोइक युग की परतदार चट्टानों से ढँका है। आज से दस लाख वर्ष पूर्व हिमयुग में पूरे पठार के हिमाच्छादित हो जाने से हिमनदी आदि से जा खरोंच और घिसाव हुए थे, वे आज भी देखे जा सकते हैं।

इसके दो प्राकृतिक खंड हैं : तटप्रदेश और अंत: प्रदेश।
1. समुद्र तट पर पहाड़ी भाग आरे के नुकीले दाँतों जैसे निकले हुए हैं, जिसके बीच में घिरे समुद्र के फियोर्ड (Fiord) अंदर की ओर जाते हैं। पहले ये फियोर्ड पहाड़ी घाटियों के रूप में थे, पर हिमयुग में ये घाटियाँ धँस गई और समुद्रजल से आप्लावित हो गई। इन फिलेर्डों के कारण इस तट पर उच्च कोटि के प्राकृतिक पोताश्रयों की शृंखला है, इसी से यहाँ के निवासी कुशल नाविक हो गए हैं। तट के निकट ही 1,50,000 द्वीपों की शृंखला है, जो पश्चिम से आनेवाले आँधी तूफान को रोककर तटीय जल की नौगम्य बनाने के कारण 'रक्षक द्वीप' कही जाती है।

2. अंदर का पहाड़ी प्रदेश पश्चिम और उत्तर में शेष भागों की तुलना में नया है। पूर्व में यह पूर्णत: पठारी प्रकृति अपना लेता है, जिसकी औसत ऊँचाई 1,600-1,650 फुट है। पूरे देश का पंचमांश ही 500 फुट से नीचा है। यहाँ की सर्वाच्च पर्वश्रेणी योटुनहेमेन (Jotunheimen) है, जिसकी चोटी गाल्हपिगेन (Galdhopiggen) 8,100 फुट ऊँची है। यह हिमनदी और हिमक्षेत्रों का आगार है। वर्गेन से पूर्व 2,500 वर्ग मील में फैला हारडांगरविदा (Hardangervidda) पठार लगभग वीरान है और उत्तर के फिनमार्क्सविद पठार पर खानाबदोश लैंपों (Lapps) का निवासस्थान है। हिमरेखा की ऊँचाई दक्षिण में 5,000 फुट और उत्तर में 3,000 फुट है। नदियाँ प्राय: छोटी और ढालवाली हैं जो संकीर्ण महाखड्डों से बहती हुई अनेक छोटे बड़े प्रपात बनाती हैं। सबसे लंबी नदी ग्लॉमा (400 मी.) है, जिसमें लकड़ी बहाकर मिलों तक लाई जाती हैं। झीलों में सबसे बढ़ी ऑज़लो के उत्तर में म्यसा (Mjosa 139 व.मी.) है।

इसका तृतीयांश उत्तरी ध्रुववृत्त के अंदर होने के कारण यह 'बर्फीला देश' कहलाता है पर इसके पश्चिमी किनारे पर उत्त्री ऐटलैंटिक ड्रिफ्ट नामक गरम सामुद्रिक जलधारा प्रति सेकंड 15 से 17 करोड़ घनफुट गरम जल उड़ेलती रहती है, जिससे किनारे का ताप - 110 सें. से- 60 सें. तक रहता है। जब तटप्रदेश का ग्रीष्मकालीन औसत ताप 160 सें. और शीतकालीन - 300 सें. है, तो अंत: प्रदेश में क्रमश: 140 सें. तथा 7° सें. रहता है। तट पर वर्षा 80  होती है पर वर्षावाली पछुआ हवाएँ पहाड़ों से रुक जाती हैं और भीतरी प्रदेश में वर्षा केवल 20  ही हो पाती है। शीतकाल में पहाड़ और घाटियाँ हिमाच्छादित हो जाती है और नदियाँ तथा जलप्रपात जम जाते हैं, पर तट पर के पत्तन गरम समुद्री जलधारा के कारण कभी जमने नहीं पाते।देश का चतुर्थांश शंकुधारियों के वनों से ढका है। इसमें देवदार और स्प्रूस वृक्ष मुख्य हैं, जो दक्षिणा-पूर्व और मध्य भाग में बहुत धने और महत्वपूर्ण हैं। नीची पहाड़ी ढालों पर वसूत और भोजपत्र, ऊँची ढालों पर देवदार और हिमरेखा के निकट सरपत, काई तथा विभिन्न जंगली बेर उगते हैं। तट के निकट सामुद्रिक वनस्पतियाँ उगती हैं, जिनमें लगभग 2,000 किस्मों में फूलों के पौधे पाए जाते हैं।

जंगली जानवरों में कुछ भालू और लिंक्स, पर अधिक संख्या में लोमड़ी, बारहसिंगे, लोमिंग, लाल हरिण और खरगोश मिलते हैं। पक्षियों में बाज, कबूतर, चाहा, बत्तख, चील, कठफोड़ा, कौआ और काग हैं। समुद्र से काड, हेरिंग, मैकेरल, स्प्रैट और फ्लैटफिश (पोठिया) विभिन्न जाति के ह्वेल और सील मछलियाँ प्राप्त होती हैं।

मत्स्य उद्योग यहाँ का प्रमुख उद्योग है। प्रति वर्ष 13 से 20 लाख टन मछलियाँ पकड़ी जाती हैं। जई, जौ, आलू, राई तथा कुछ गेहूँ की खेती यहाँ होती है। ताँबा, लोहमाक्षिक तथा लोहे का खनन बड़ी मात्रा में होता है। ऐल्यूमिनियम के उत्खनन में नॉर्वे का छठा स्थान है। अन्य खनिज कम हैं।

सस्ती जलविद्युत्‌ के फलस्वरूप विद्यूत्‌ रासायनिक तथा विद्युत्‌ धातु कर्मक संबंधित उद्योगों में प्रगति हुई है। उर्वरक, लोह मिश्रितधातु (Ferro-alloys), ऐल्यूमिनियम तथा मशीनें यहाँ के मुख्य उत्पादन हैं। इनके अतिरिक्त लकड़ी की लुगदी, कागज, जमी हुई और डब्बाबंद मछली, रंग, लोहा, जहाज, विद्युत्‌ प्रगलन भट्ठी (Electric smelting Furnace), सीमेंट, फर्नीचर, और कपड़े भी बनाए जाते हैं। व्यापार मुख्यत: ग्रेट ब्रिटेन, स्वीडन, संयुक्त राज्य, अमरीका और पश्चिमी जर्मनी से होता है। निर्यात के चतुर्थांग में कागज, लकड़ी की लुगदी और लकड़ी के सामान है और शेष में मछली, मछली से बने सामान, ह्वेवेल का तेल, ताँबा, कच्चा लोहा, और मोलिब्डेनम हैं। अन्न, कपड़े, लोहा, इस्पात, जहाज, मशीनें और जलावन का आयात होता है। इस व्यापारिक घाटे की पूर्ति व्यापारी जहाजी बेड़े से होती है जिसका स्थान विश्व में तीसरा है।

धरातलीय विषमताओं के कारण हवाई यातायात का महत्व अधिक है ऑज्लो (Oslo) और स्टावानजर में प्रमुख हवाई अड्डे हैं। रेलमार्ग और सड़कें मुख्यत: दक्षिण में हैं जिनकी लंबाई क्रमश: 2,750 मील और 30,000 मील है। तटीय क्षेत्र में जलमार्ग यातायात में सहायक होता है। वैरगेन (Bergen) और ट्रॉनहेम (Trondheim) मुख्य बंदरगाह हैं। ऑज़्लो राजधानी है, जहाँ रेडियो स्टेशन भी है। नॉर्वे में लगभग 100 दैनिक पत्र निकलते हैं।

इतिहास और शासन - नॉर्वे में मनुष्य लगभग 10,000 वर्ष पूर्व से ही बसे हैं। प्रारंभ में यह देश छोटे छोटे राज्यों में बँटा हुआ था, जिनके शासक जातीय सरदार (जार्ल) होते थे। 872 ई. में हेराल्ड (Harald) हारफेगर (Haarfager) ने सबसे पराक्रमी सरदार को हराकर पूरे देश को एक शासनसूत्र में बाँधा। बाद में ओलाफ द्वितीय हैराल्डसन्‌ (Olaf II Haraldsson सन्‌ 1015-1028) यहाँ ईसाई धर्म लाया और राज्य की नींव मजबूत की।

वाइकिंग काल (लगभग 800-1050 ई.) में जनसंख्या की वृद्धि के फलस्वरूप राज्य क बहुत विस्तर हुआ। एक ही साथ कृषक, नाविक, योद्धा और व्यापारी के गुणों से संपन्न नार्वीजियन लोगों ने आइसलैंड, फेरीज, आर्कनीज़, सेटलैंड तथा ग्रीनलैंड पर अपना साम्राज्य स्थापित किया। 1000 ई. में लेइफ एरिक्सन (Leif Ericson) नामक नार्वीजियन उत्तरी अमरीका भी पहुँच गया था।

1394 ई. में यह डेनमार्क के साथ संमिलित हो गया। 1814 ई. में स्वीडन ने नॉर्वें पर अधिकार कर लिया। तब से एक शताब्दी तक यह स्वीडन के अधीन रहा, यद्यपि इसकी सरकार अलग कायम रही। 1905 ई. में स्वीडन ने नार्वे की पार्लिमेंट की बात मानकर इस संघ को विघटित कर दिया और 1906 ई. में डेनमार्क का राजकुमार कार्ल (Carl), हॉकोन सप्तम (Haakon VII) के नाम से गद्दी पर बिठाया गया।

प्रथम विश्वयुद्ध में तो नार्वे तटस्थ रह गया, पर द्वितीय विश्वयुद्ध में इसपर जर्मनी ने आक्रमण कर दिया। विदकुम क्विज़लिंग (Vidkum Quisling) के देशद्रोह के कारण ब्रिटेन और फ्रांस की सहायता के बावजूद यह 62 दिनों के अंदर पराजित हो गया। राजा अपने मंत्रिमंडल सहित लंदन भाग गया और जर्मनी का प्रथम प्रधान मंत्री यहीं का वैदेशिक मंत्री ट्रिगवी ली (Trygve Lie) हुआ। अमरीका की आर्थिक सहायता से इसकी उन्नति होने लगी और 1949 ई. में इसने इत्तरी ऐंटलैटिक संधि संस्था (नैटो) की सदस्यता स्वीकार कर अपनी परंपरागत तटस्थता का अंत कर दिया। 1950 ई. में ओज्लो नैटो का उत्तरी प्रधान कार्यालय हुआ। नैटो राष्ट्रों में एक इसी की सीमा रूसी सीमा के साथ लगती है, इसलिए इस संस्था में इसका अधिक महत्व हो गया है। 50 वर्षों के राज्यकाल के बाद 1957 में राजा हॉकोन सप्तम की मृत्यु हो गई और उसका पुत्र ओलाव सिंहासनारूढ़ हुआ।

यहाँ का प्रशासकीय प्रधान राजा है, पर रानी गद्दी नहीं पा सकती। उत्तराधिकारी ज्येष्ठ पुत्र होता है। वास्तविक अधिकार मंत्रिमंडल के हाथों में होता है। मंत्रिमंडल में प्रधान मंत्री और 12 अन्य मंत्री होते हैं, जो विभिन्न विभागों के अध्यक्ष होते हैं। पार्लिमेंट (Stortiny) के 150 सदस्य चार साल के लिए चुने जाते हैं। यहाँ से 38 सदस्य राज्यसभा (Laytiny) के लिए चुन दिए जाते हैं और शेष सदस्य ही लोकसभा (Odeltiny) निर्मित करते हैं।

उच्चतम न्यायालय के 19 न्यायाधीश राजा द्वारा नियुक्त होते हैं। 10 नागरिकों की जूरी होती है, जिसमें सात वोटों से फैसला होता है। देश के 18 प्रांतों के लिए मंत्रिमंडल की राय से राजा एक एक गवर्नर नियुक्त करता है।

21 वर्ष उम्र का प्रत्येक व्यक्ति, जो पाँच साल से देश का नागरिक हो, मतदान का अधिकारी है। राजनीतिक दलों में श्रमिक, कंजर्वेटिव (Hoyne), कृषक (Formers) सोशलिस्ट पीपुल्स और Arbeiderpartiet साम्यवादी प्रमुख हैं। (रा.प्र.सिं.)

अर्थनीति - देश के सभी आंतरिक उद्योगों में सरकार साझा करती है। विदेशी पूँजी और उद्योगों को भी प्रश्रय देती है। श्रमिक दल, जो सन्‌ 1935 से ही सत्तारूढ़ है, उद्योगों के पूर्ण राष्ट्रीयकरण के पक्ष में नहीं है। उसने केवल साझेदारी की ही नीति अपना रखी है।

त्वरित औद्योगीकरण और साधनों का अधिकतम उपयोग विशेषत: उत्तर नॉर्वे में सरकार का लक्ष्य है। उत्तरी भाग दक्षिणी की अपेक्षा आर्थिक स्थिति में पिछड़ा हुआ है। 1952 ई. में इसके लिए विशेष विकास कोश की स्थापना हुई। 1962 ई. में एक नियम पारित करके उद्योग और व्यापार में लाभ और संचित पूँजी को मुक्त कर दिया गया।

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संदर्भ
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बाहरी कड़ियाँ
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