वह परिकल्पना, जिसमें यह प्रतिपादित किया जाता है कि सौर-परिवार का सम्पूर्ण पदार्थ, किसी समय धीरे-धीरे परिभ्रमण करने वाली उष्ण गैसों को नीहारिका (nebula) के रूप में था, जो अधिकतम दूरी वाले ग्रहों की कक्षा से बाहर तक फैला हुआ था। यह नीहारिका कुछ ठंडी होकर सिकुड़ जाने से अधिक तेज गति से परिभ्रमण करने लगी। परिणामस्वरूप कुछ पदार्थ केंद्रीय भाग से अलग हो गया और उससे धीरे-धीरे वर्तमान ग्रहों का निर्माण हुआ। सूर्य मूल नीहारिका के केंद्रीय भाग के रूप में विद्यमान है।
अन्य स्रोतों से
बाहरी कड़ियाँ
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विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia)
वेबस्टर शब्दकोश ( Meaning With Webster's Online Dictionary )
हिन्दी में -
शब्द रोमन में
संदर्भ
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