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समाज प्रगति सहयोग ग्राम जटाशंकर तहसील बागली जिला देवास मध्य प्रदेश-455227
एनआरईजीए का राष्ट्रीय कंसोरटियम
राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारण्टी अधिनियम पर गठित राष्ट्रीय समन्वय लोक संगठनों का समूह है जोकि इस कानून के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध हैं। समन्वय के सदस्यों का यह उद्देश्य है कि वे न केवल सजगता और निगरानी की भूमिका निभाएं बल्कि रोजगार गारण्टी को ज़मीन पर सफल बनाने में ठोस योगदान करें। हमारा मुख्य ध्येय रोज़गार गारण्टी कार्यक्रम के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों का बेहतर नियोजन, कार्यान्वयन और सामाजिक अंकेक्षण सुनिश्चित करना है। ताकि रोज़गार गारण्टी समानता, दीर्घकालीन खाद्य सुरक्षा और निरंतर आजीविका के सृजन का रास्ता बन सके। साथ ही हमारा मानना है कि यह कानून ग्रामीण सुशासन को सुदृढ़ और सशक्त करने का एक अप्रत्याशित अवसर है। इस दिशा में हमारा प्रयास है कि लोक संगठनों और रोज़गार गारण्टी कार्यक्रम की मुख्य कायरन्वयन एजेन्सी ग्राम पंचायतों की साझेदारी को प्रोत्साहित किया जाए।
समन्वय महिलाओं, दलितं, अदिवासी, भूमिहीन, वृद्ध व विकलांग व्यक्तियों और सूखे क्षेत्रों के छोटे और सीमांत किसानों के साथ कार्य करने पर बल देता है। हम मानते है कि जल और प्राकृतिक संसााधनों का विकास आय–वर्धक गतिविधियों के लिए अधोसंरचना तैयार कर सकते है।
इन गतिविधियों के लिए भी साथ–साथ नियोजन किया जाना आवश्यक है। हमारा यह विश्वास है कि कार्य करने के तरीकों में विविधता हमारे कार्य को संबल देती है। हमारे मूल विचारों और कार्य पद्धतियां से सहमत कोई भी संस्था या व्यक्ति समन्वय के सदस्य बन सकते हैं, जोकि ऐसी साझेदारी को प्रोत्साहित करने हेतु पूर्णत: प्रतिबद्ध है। समन्वय जाति, धर्म, समुदाय, लिंग, क्षेत्र, रंग आदि किसी भी प्रकार के भेदभाव के पूर्णत: खिलाफ़ है। कोई भी व्यक्ति या संस्था जा ऐसे भेदभाव को अपनी कथनी या करनी से परोतसाहित करता है, समन्वय का सदस्य नहीं हो सकता। हम इस भावना से प्रेरित है कि भारत के कोने–कोने में उच्च कोटि का कार्य हो पाए जिससे रोज़गार गारण्टी कार्यक्रम मे निहित संभावनाएं हक़ीक़त बन पाएं, विभिन्न स्थानों परं किए जा रहे कार्य एक–दूसरे के लिए सीख बनें और साथ–साथ राज्यों और राष्यि स्तर पर व्यापक नीतिगत बदलाव संभव हो सके।
राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारण्टी अधिनियम पर गठित राष्ट्रीय समन्वय
राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारण्टी अधिनियम पर गठित राष्ट्रीय समन्वय लोक संगठनों का समूह है जोकि इस कानून के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध हैं। समन्वय के सदस्यों का यह उद्देश्य है कि वे न केवल सजगता और निगरानी की भूमिका निभाएं बल्कि रोजगार गारण्टी को ज़मीन पर सफल बनाने में ठोस योगदान करें। हमारा मुख्य ध्येय रोज़गार गारण्टी कार्यक्रम के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों का बेहतर नियोजन, कार्यान्वयन और सामाजिक अंकेक्षण सुनिश्चित करना है। ताकि रोज़गार गारण्टी समानता, दीर्घकालीन खाद्य सुरक्षा और निरंतर आजीविका के सृजन का रास्ता बन सके। साथ ही हमारा मानना है कि यह कानून ग्रामीण सुशासन को सुदृढ़ और सशक्त करने का एक अप्रत्याशित अवसर है। इस दिशा में हमारा प्रयास है कि लोक संगठनों और रोज़गार गारण्टी कार्यक्रम की मुख्य कायरन्वयन एजेन्सी ग्राम पंचायतों की साझेदारी को प्रोत्साहित किया जाए।
समन्वय महिलाओं, दलितं, अदिवासी, भूमिहीन, वृद्ध व विकलांग व्यक्तियों और सूखे क्षेत्रों के छोटे और सीमांत किसानों के साथ कार्य करने पर बल देता है। हम मानते है कि जल और प्राकृतिक संसााधनों का विकास आय–वर्धक गतिविधियों के लिए अधोसंरचना तैयार कर सकते है।
इन गतिविधियों के लिए भी साथ–साथ नियोजन किया जाना आवश्यक है। हमारा यह विश्वास है कि कार्य करने के तरीकों में विविधता हमारे कार्य को संबल देती है। हमारे मूल विचारों और कार्य पद्धतियां से सहमत कोई भी संस्था या व्यक्ति समन्वय के सदस्य बन सकते हैं, जोकि ऐसी साझेदारी को प्रोत्साहित करने हेतु पूर्णत: प्रतिबद्ध है। समन्वय जाति, धर्म, समुदाय, लिंग, क्षेत्र, रंग आदि किसी भी प्रकार के भेदभाव के पूर्णत: खिलाफ़ है। कोई भी व्यक्ति या संस्था जा ऐसे भेदभाव को अपनी कथनी या करनी से परोतसाहित करता है, समन्वय का सदस्य नहीं हो सकता। हम इस भावना से प्रेरित है कि भारत के कोने–कोने में उच्च कोटि का कार्य हो पाए जिससे रोज़गार गारण्टी कार्यक्रम मे निहित संभावनाएं हक़ीक़त बन पाएं, विभिन्न स्थानों परं किए जा रहे कार्य एक–दूसरे के लिए सीख बनें और साथ–साथ राज्यों और राष्यि स्तर पर व्यापक नीतिगत बदलाव संभव हो सके।