ओधवती नदी कुरुक्षेत्र की एक नदी है जिसका उल्लेख महाभारत में है।
दुर्योधन को भीम ने ओधवती के तट पर गदायुद्ध में आहत किया था।
पृथूदक इसी नदी के तट पर स्थित था।
महाभारत अनुशासन पर्व में वर्णित पौराणिक कथा के अनुसार अग्निपुत्र सुदर्शन की सती पत्नी ही ओधवती के रूप में परिणत हो गई थी।
युद्ध की समाप्ति पर पांडव, द्रौपदी, श्रीकृष्ण, सात्यकि आदि शिविर में न ठहरकर ओधवती नदी के तट पर रहे थे और जब वे उठे तो उन्हें अश्वत्थामा के किये पांचाल-संहार का समाचार मिला था।
दुर्योधन को भीम ने ओधवती के तट पर गदायुद्ध में आहत किया था।
पृथूदक इसी नदी के तट पर स्थित था।
महाभारत अनुशासन पर्व में वर्णित पौराणिक कथा के अनुसार अग्निपुत्र सुदर्शन की सती पत्नी ही ओधवती के रूप में परिणत हो गई थी।
युद्ध की समाप्ति पर पांडव, द्रौपदी, श्रीकृष्ण, सात्यकि आदि शिविर में न ठहरकर ओधवती नदी के तट पर रहे थे और जब वे उठे तो उन्हें अश्वत्थामा के किये पांचाल-संहार का समाचार मिला था।
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