एक अर्ध पारगम्य झिल्ली या कोशाभित्ति के दोनों तरफ घोलों में लवणों के असमान सान्द्रता के कारण जो दबाव पैदा होता है उसे परासरण दबाव कहते हैं। इसमें जल कम सान्द्र घोल से अधिक सान्द्र घोल की तरफ संचलन करेगा तथा इससे झिल्ली पर जो अतिरिक्त दबाव पड़ेगा उसे परासरण दबाव कहेंगे।