पालक्काड (Palakkad या Palghat) 1. जिला, भारत में केरल राज्य का एक जिला है जिसका क्षेत्रफल 1,982 वर्ग मील तथा जनसंख्या 17,76,566 (1961) थी। इसके उत्तर के कोलिकोड, पूर्व में मद्रास राज्य का कोयंपुत्तूर जिला, दक्षिण में त्रिश्शुर तथा पूर्व में अरब सागर है।
2. नगर, स्थिति : 10 46 उ.अ. तथा 76 39 पू.दे.। भारत के केरल राज्य में इसी जिले में पोन्नानी नदी पर स्थित यह प्रसिद्ध नगर है। यहाँ की जनसंख्या 77,620 (1961) थी। यह नगर कालीकट से 70 मील दक्षिण-पूर्व पालक्काड दर्रे में बसा है। यह समीपवर्ती क्षेत्रों की कृषि उपजों तथा इमारती लकड़ियों का व्यापारिक केंद्र है। यहाँ पर तंबाकू, धान कुटाई, नारियल की जटा से रस्सी का निर्माण, बीड़ी, रेलवे स्लीपर्स तथा खपरैल उद्योग हैं। यहाँ प्रसिद्ध विक्टोरिया कालेज है, जो मद्रास विश्वविद्यालय से संबद्ध है। नगर के पास पश्चिमी घाट की पहाड़ियों में कसावा (Cassava), कॉफी, रबर, काली मिर्च की उपज होती है। इस नगर का शैक्षिक, व्यापारिक तथा ऐतिहासिक महत्व है।
3. दर्रा, दक्षिण-पश्चिमी भारत में नीलगिरि तथा अन्नाईमलाई पहाड़ियों के बीच पश्चिमी घाट पर्वत में 20 मील चौड़ा दर्रा है। रेलों तथा सड़कों के द्वारा यह दर्रा मालाबार तट को आंतरिक दक्षिणी प्रायद्वीप से संबधित करता है। इसके द्वारा दक्षिण-पश्चिमी मानसून के प्रवेश से भीतरी भागों को जलवायु संबधी लाभ हो जाता है तथा बंगाल की खाड़ी से उठनेवाली आँधियों को बाहर जाने का मार्ग मिल जाता है।
(कृष्णमोहन गुप्त)
2. नगर, स्थिति : 10 46 उ.अ. तथा 76 39 पू.दे.। भारत के केरल राज्य में इसी जिले में पोन्नानी नदी पर स्थित यह प्रसिद्ध नगर है। यहाँ की जनसंख्या 77,620 (1961) थी। यह नगर कालीकट से 70 मील दक्षिण-पूर्व पालक्काड दर्रे में बसा है। यह समीपवर्ती क्षेत्रों की कृषि उपजों तथा इमारती लकड़ियों का व्यापारिक केंद्र है। यहाँ पर तंबाकू, धान कुटाई, नारियल की जटा से रस्सी का निर्माण, बीड़ी, रेलवे स्लीपर्स तथा खपरैल उद्योग हैं। यहाँ प्रसिद्ध विक्टोरिया कालेज है, जो मद्रास विश्वविद्यालय से संबद्ध है। नगर के पास पश्चिमी घाट की पहाड़ियों में कसावा (Cassava), कॉफी, रबर, काली मिर्च की उपज होती है। इस नगर का शैक्षिक, व्यापारिक तथा ऐतिहासिक महत्व है।
3. दर्रा, दक्षिण-पश्चिमी भारत में नीलगिरि तथा अन्नाईमलाई पहाड़ियों के बीच पश्चिमी घाट पर्वत में 20 मील चौड़ा दर्रा है। रेलों तथा सड़कों के द्वारा यह दर्रा मालाबार तट को आंतरिक दक्षिणी प्रायद्वीप से संबधित करता है। इसके द्वारा दक्षिण-पश्चिमी मानसून के प्रवेश से भीतरी भागों को जलवायु संबधी लाभ हो जाता है तथा बंगाल की खाड़ी से उठनेवाली आँधियों को बाहर जाने का मार्ग मिल जाता है।
(कृष्णमोहन गुप्त)
Hindi Title
विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia)
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संदर्भ
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बाहरी कड़ियाँ
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