नाम
इंडिया वाटर पोर्टल
ईमेल
water.community@gmail.com
Tel/ Mo No
9250725116
पानी के क्षेत्र में असीम शैक्षिक अवसर मौज़ूद हैं। ये शैक्षिक अवसर अमूमन बहुअनुशासनात्मक हैं और पर्यावरण विज्ञान, इंजीनियरिंग, मीडिया, विधि नीति, योजना आदि विविध क्षेत्रों से जुड़े हैं।विज्ञान वर्ग के तहत विभिन्न विश्वविद्यालय धरती और भूविज्ञान (भूमविज्ञान/समुंद्रिकी/व्यावहारिक/भूभौतिकी) जल क्रीडा विज्ञान, वाटरशेड प्रबंधन, सूक्ष्म जीवविज्ञान, पर्यावरण विज्ञान जल विज्ञान, जलभूविज्ञान, जल संसाधन प्रबंधन, दूर संवेदन एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली(जीआईएस), भूमि जलनिकासी, जलापूर्ति एवं सफ़ाई, जल एवं बाढ़ प्रबंधन, जल ऊर्जा, जल एवं पर्यावरण प्रबंधन जल प्रबंधन( शहरी और ग्रामीण) और जल प्रयोग जैसे विषयों में बी.एससी(स्नातक) और एमएससी (परास्नातक) के पाठ्यक्रम की पेशकश करते हैं।इंजीनियरिंग वर्ग के तहत भी जल संसाधन इंजीनियरिंग के साथ पर्यावरण/सिविल इंजीनियिरिंग, सतह इंजीनियरिंग, पर्यावरण इंजीनियरिंग, जलीय इंजीनियरिंग, सिंचाई जल प्रबंधन, जल गुणवत्ता इंजीनियरिंग, सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग, ऊर्जा और पर्यावरण प्रबंधन, भूप्रौद्योगिकी इंजीनियरिंग, मिट्टी और जल संरक्षण इंजीनियरिंग, दूर संवेदन एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली(जीआईएस) और जल उपयोग इंजीनियरिंग जैसे विभिन्न विकल्प मौज़ूद हैं।पानी के क्षेत्र में पढ़ाई का एक अन्य विकल्प योजना से संबधित है। विभिन्न योजना संस्थान इस पाठ्यक्रम की पेशकश कर रहे हैं। शहरी, ग्रामीण, कस्बाई और पर्यावरण योजना में परास्नातक किया जा सकता है। फिलहाल प्रशासन और विधि भी विशेषज्ञता का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। इन पाठ्यक्रमों में पर्यावरणीय कानून, जल कानून, जल प्रशासन और विवाद निपटारा, जल अध्ययन (जल संसाधनों पर अंतरराष्ट्रीय कानून, जल विधि नीति और प्रबंधन, जलराजनीति) जैसे विषयों की पढ़ाई होती है।जल पत्रकारिता एक नई सोच है। मीडिया के साथ संपर्क बेहद ज़रूरी है और भारत में इस पेशे का आदर करते हुए इसका इस्तेमाल करना चाहिए। पत्रकारिता में पाठ्यक्रम के बाद पर्यावरणीय पत्रकारिता के संदर्भ में ख़ास रुचि विकसित की जा सकती है। इसके तहत जल गुणवत्ता, सिंचाई, जल एवं खाद्य प्रबंधन, खनन आदि पर ज़ोर दिया जा सकता है।डिग्रियों के अलावा विभिन्न विश्वविद्यालय, सरकारी विभाग और एनजीओ बहुत से प्रमाणपत्र/डिप्लोमा/प्रशिक्षण पाठ्यक्रम भी चलाते हैं। इन पाठ्यक्रमों में वाटरशेड और नदी बेसिन प्रबंधन, जलापूर्ति और सफ़ाई, विकेंद्रिकृत अवशेषित जल प्रबंधन, वाटर हार्वेस्टिंग, भूमिगत जल दोहन, भूमि और जल प्रबंधन, जल संसाधन और जल के लिए ईआईए एवं सफ़ाई जैसे पानी से संबंधित विभिन्न मुद्दे समाहित होते हैं।एक्सेल शीट में विभिन्न संस्थाओं, विश्वविद्यालयों के द्वारा दिए जा रहे पाठ्यक्रमों, वेबसाइटों और संपर्क सूत्रों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।शोध और संपादन, अनीता भट्ट, वाटर पोर्टल और डब्ल्यूईएस नेट कर्मीआईडब्ल्यूपी का अनुरोध है कि यहां दी गई सूचनाओं को पानी के क्षेत्र में आजीविका और शिक्षा पर जानकारी इकट्ठा करने के नज़रिये से शुरुआती कदम समझें। इस क्षेत्र में अपने सुझाव, सूचनाएं और राय हमें दे सकते हैं।