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रांची एक्सप्रेस
रिमोट सेंसिंग और ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) की उपयोगिता दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। न सिर्फ सरकारी संस्थानों को, बल्कि निजी कंपनियों को भी इसके प्रोफेशनल्स की जरूरत होती है। कई ऐसी फील्ड्स हैं, जैसे भौगोलिक नक्शे का निर्माण, टाउन प्लानिंग, फॉरेस्ट डेवलपमेंट, नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट, वेस्ट लैंड मैपिंग, एग्रीकल्चर एरिया मैपिंग, टूरिस्ट साइट मैनेजमेंट एंड प्लानिंग आदि, जहां इसके प्रोफेशनल्स की मांग बनी रहती है। ऐसे में इससे संबंधित कोर्स वर्तमान माहौल में काफी महत्वपूर्ण हैं। ऐसा ही एक कोर्स है पीजी डिप्लोमा इन रिमोट सेंसिंग एंड ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस), जिसे इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा कराया जाता है।
इस डिप्लोमा कोर्स की अवधि 1 साल की है और इस प्रोग्राम में कुल 20 सीटें उपलब्ध हैं।
इस कोर्स में दाखिला लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए जरूरी है कि वे किसी विषय में स्ातक हों। वैसे तो किसी भी संकाय के छात्र इस कोर्स में दाखिला ले सकते हैं, पर कंप्यूटर और मैथमेटिक्स के विद्यार्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
जो अभ्यर्थी इस पाठयक्रम में प्रवेश लेना चाहते हैं, उनका चयन लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के आधार पर होगा। लिखित परीक्षा में ऑब्जेक्टिव टाइप के मेंटल एबिलिटी व रीजनिंग से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे।
आवदेन-पत्र मंगाने के लिए कोर्स को-ऑर्डिनेटर, पीजी डिप्लोमा इन रिमोट सेंसिंग एंड जीआईसी के नाम इलाहाबाद में देय 350 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट भेजें। इसे संस्थान की वेबसाइट से भी डाउनलोड किया जा सकता है।
पाठ्यक्रम की रूपरेखा
इस डिप्लोमा कोर्स की अवधि 1 साल की है और इस प्रोग्राम में कुल 20 सीटें उपलब्ध हैं।
शैक्षणिक योग्यता
इस कोर्स में दाखिला लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए जरूरी है कि वे किसी विषय में स्ातक हों। वैसे तो किसी भी संकाय के छात्र इस कोर्स में दाखिला ले सकते हैं, पर कंप्यूटर और मैथमेटिक्स के विद्यार्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
चयन प्रक्रिया
जो अभ्यर्थी इस पाठयक्रम में प्रवेश लेना चाहते हैं, उनका चयन लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के आधार पर होगा। लिखित परीक्षा में ऑब्जेक्टिव टाइप के मेंटल एबिलिटी व रीजनिंग से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे।
कैसे करें आवेदन
आवदेन-पत्र मंगाने के लिए कोर्स को-ऑर्डिनेटर, पीजी डिप्लोमा इन रिमोट सेंसिंग एंड जीआईसी के नाम इलाहाबाद में देय 350 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट भेजें। इसे संस्थान की वेबसाइट से भी डाउनलोड किया जा सकता है।