Source
वाटरएड
‘शौचालय नहीं तो, दुल्हन नहीं’ का नारा आज लोगों में खासा प्रचलित हो गया है। आज हर आदमी के पास मोबाइल है लेकिन घर में शौचालय क्यों नहीं। शौच जाने के लिए सबसे ज्यादा समस्या औरतों को उठाना पड़ता है, उन्हें अनेक तरह की बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है। कुपोषण की गंभीर समस्या का मूल कारण खुले में शौच है और इसका सर्वाधिक दुष्प्रभाव बच्चों तथा महिलाओं पर पड़ता है।
पोस्टर को बड़े साइज में देखने के लिए अटैचमेंट देखें
पोस्टर को बड़े साइज में देखने के लिए अटैचमेंट देखें