प्रदूषण घटा और आकाश साफ हुआ तो आंखों में बसने लगे ओझल तारे

Submitted by Shivendra on Mon, 04/06/2020 - 17:29
Source
दैनिक जागरण, 05 अप्रैल 2020

रमेश चंद्रा, दैनिक जागरण, 05 अप्रैल 2020


झिलमिल सितारों की रोशनी। चमकता चांद। दक्षिण पूर्व कोने पर दमकते सप़्तऋषि मंडल। बृहस्पति, शनि, बुध व नेप्च्यून के निखार का क्या कहना। ध्रुव तारे को भी खोजने की जरूरत नहीं पड़ रही है। छत की तरफ नजर उठाते ही सभी साफ नजर आ रहे हैं। इनमें तो कुछ टेलीस्कोप से भी नजर नहीं आ रहे थे। यह संभव हो सका है लाॅकडाउन से। यह हमें कोरोना के संक्रमण से बचा रहा है तो पर्यावरण की भी सेहत दुरुस्त कर रहा है। प्रदूषण के कारण जो ग्रह नक्षत्र आंखों से ओझल हो चुके थे, वह भी इन दिनों करीब आ गए हैं। अंतरिक्ष के रहस्यों का अध्ययन करने वालों के साथ साथ आमजन के लिए यह अदलाव सुखद है।

नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के खेगाल वैज्ञानिक डाॅ. शशिभूषण पांडे बताते हैं कि कोरोना महामारी से भारत समेत दुनिया के अधिकतर देश आहत और परेशान हैं। इस बीच लाॅकडाउन से धरनी पर ही नहीं आसमान के स्तर पर भी प्रदूषण नाममात्र रह गया है। इन दिनों सांझ ढलने के बाद शुक्र या यानी वीनस को पश्चिम के आकाश में टिमटिमाते बल्क की तरह देखा जा सकता है। कृतिका नक्षत्र अपनी अलग चमक बिखेर रहा है। इनके अलावा बृहस्पति, शनि को भी स्पष्ट देखा जा सकता है। नेप्च्यून व बुध को टेलीस्कोप से निहार सकते हैं। हालांकि पहले प्रदूषण के कारण यह संभव नहीं था। इन दिनों नजर आ रहे आसमान की कल्पना करना तो दूर ही था। 

भारतीय तारा भौमिकी संस्थान बंगलुरु के सेवानिवृत्त वैज्ञानिक प्रो. आरसी कपूर बताते हैं कि मानवीय व मशीनी गतिविधियां न्यून हो जाने से वातावरा अभी शांत है। दिन में आसमान साफ हो चला है। रात में टिमटिमाते तारे अनोखी चमक बिखेरते नजर आ रहे हैं। यह वातावरण खगोलीय अध्ययन के लिए भी बेहद उपयोगी है। अगर आगे भी लाॅकडाउन रहा तो वायु प्रदूषण में और कमी आएगी। वहीं अगर पृथ्वी पर प्रदूषण कम होगा तो यह मनुष्य के लिए भी लाभदायक है, क्योंकि इससे प्रदूषण से होने वाली बीमारियां बेहद कम होंगी।

खगोल विज्ञान एरीज के डाॅ. शशिभूष पांडे कहते हैं कि लाॅकडाउन से प्रदूषण का स्तर न्यून हो गया है। खगोलीय दृष्टि से तारों को निहारने के लिहाज से भी यह बेहद अलग अनुभव है। कोरोना वायरस के कारण अगर लाॅकडाउन और आगे बढ़ा तो वायु प्रदूषण में और कमी आएगी।

शुक्र के नजदीक आया कृतिका नक्षत्र

आठ साल बाद तीन अप्रैल को एक और संयोग बना। कृतिका नक्षत्र के शुक्र (वीनस) के नजदीक आने का मनमोहक नजारा दिखा। वीनस इस समय वैसे ही अधिक चमकीला नजर आया।